श्री नन्दी सूत्रम् | Shree Nandi Sutram
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
542
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नाऊण सूत्तेसु सड़ं विसालं जइणागमाणं परिवेडणो तं ।
भासिंसु सव्वे समणं पहतं, जिणागमाणं रयणागरोऽयं ॥ ९५ ॥
वक्खाणमनज््े समुदाहरन्तं, निस्सेस साहिच्च कहाविसेसा ।
सादिच्चपुव्वं रयणं समत्थ, पसंसमाणा विबुहा भणिंसु ॥ ९६ ॥
समुत्तरंतं हु कुओ লি पुटटं, उदाहरतं सयलंपि वित्तं ।
गृढेवि अत्थे सुविबोहयतं, भणिंसु तं जीविअ विस्सकोसं ॥ ९७ ॥
दोस सहस्सेसु विणिग्गएसुं, तिवासुबुदेढसु य विक्कमेसुं ।
संवच्छरेसु लुहियाणपोरे, गणाहिवं तेण पयं गहीयं ॥ ९८ ॥
एगत्तत्थ संपयायाण नाणा, रायत्थाणे सादडी नाम पोरे |
होत्था एगं साहुसम्मेलणं जं, पायं सव्वे तत्थ संगत्तियाणं ॥ ९९ ॥
विरायमाणेदहिं तहिं तयाणि, वियक्खणेहिं सुमहामुणीहिं ।
मएण एक्केण महाणुभावो, सव्वप्पहाणयरिओ कओ सो ॥ २० ॥
महामुणीसस्स पहाणसीसो, खजाणचन्दो हू महाजसंसी ।
धीरो मणस्सी समणो महप्या, समायधम्मस्स सयाहिएसी ॥ २९ ॥
सुपंडिओ से समणोवनामो, सीसो सुजोग्गो हु महामणीसी |
महातवस्सी सिरिपुष्फचन्दो, टीगं सुसंपादियवं मुणीमं ॥ २२ ॥
हिन्दीजुगेऽस्सिं भविबोहणत्थं, पियामहेणं गुरुणा निबद्धं ।
पोत्तेण सीसेण य सोहियं तं, कल्लाण-भाजो पडिऊण होन्तु ॥ २३ ॥
नंदीसत्थं दिसु तित्थयराणं, सुत्तं बद्धं तम्गणस्सामिहिं तं ।
वक्खाणिसु पुव्वसूरी अणेगे, हिन्दी टीया पत्थुया तस्स एसा ॥ २४ ॥
तेसिं कणिर्ठेण हु, सेवएणं , गुव्वावली साहसपायमेसा।
कयामया ण मुणिविक्कमरेण, खमंतु मे तत्थ पमायजायं ॥ २५ ॥
सुदधं च ठावंतु किवालुणो ते, सुमंगलं मे सरणं च दितु ।
वदामि सदधेयपए खु निच्चं, सत्वे वि मोयंतु सुवंदमाणा ॥ २६ ॥
-मुणिविक्कमो
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