अनासक्तियोग | Anasaktiyog

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Book Image : अनासक्तियोग  - Anasaktiyog

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अनासक्रियोग $ १ अर्जुनविषादयोग जिज्ञासा बिना ज्ञान नही होता । दुःख बिना सुख नहीं होता । धर्मसंकट--हृदयमथन सब जिज्नासुओंको एक बार होता ही है । স্বলহাচতু डवा धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः । मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकूुवेत संजय ।! १॥ श्वतराष्ट्र बोले-- हे संजय ! मुभे बतलाओ कि धर्मक्षेत्ररूपी कुरु- হীন युद्ध करनेकी इच्छसे इकट्ठे हुए मेरे गौर पांडुके पुत्रोंने क्या किया ? १ टिप्पणी---यह शरीरखूपी क्षेत्र धर्मक्षेत्र है, क्योंकि यह मोक्षका द्वार हो सकता है । पापसे -इसकी उत्पत्ति हैं और पापक़ा यह भाजन बना रहता है, इसलिए यह क्रुक्षेत्र हे ।




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