उघान-विज्ञान | Udhaan-Vigyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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11 9. জবার (तषवुणो कितो स्वप को টুর तया शोभा बढाने के लिए लताप्नों का भ्रयोग सन्‍्दर रहता' है।”तार,क्ीं जाली पर इनको आसानी से चढ़ाया जाता है ! |. ০০১১ পাট পাশ 10, दृष्प वयारियां বা वाडर (717०-० वन) दरे पा के भेदान के क्रिनारे; रास्तोके करितो तव स्थान विशेबर षर क्यादिथोको वनाति है जिनमें नई-लनई कई जातियों के फूल तथा सुन्दर पत्तियों वाले पौधे नगाते है जिससे देखने वालों को प्रधूव प्रानन्द मिलता है। पत्तीदार वोधों को छायादार स्थानों पर लगाते हैं जिससे इनको वृद्धि अच्छी होतो है ॥ बहुवर्पाय फूलों, गुनाव की क्यारियाँ, 'शरवरी तथा हरवेतियस वोड्डर, भी बना सकते. हैं । 11. पौधघर (०४८८४ 8605)--उद्यान के लिए विभिन्न प्रकार की पौध तंयार करने के लिए पौधघर व्यवस्था होना उत्तम रहता है जिससे बाधित किस्म के अच्छे, स्वस्थ एवं विश्वसनीय पोधे उचित समय पर मिलते रहने हैं 1 शाकों को पौध-भी तेयार करते है । इन सभी को स्व के उपयोग के अ्रलावा बेचा भो जा सकता है । 12, प्रीन लॉन (0:०था 1,4४७॥)--हरी घास के मश्नमली मैदान बंगले का प्रभिन्‍न प्र थे है । इनकी स्थिति उद्यान की बनावट तथा बंगले की श्राकृति पर निर्भर करती है। प्रायः लॉन बरामदे के सामने या भवन के पीछे, किसी कोने से बनाते हैं । 13. शाक एवं फल के स्यान (४०९९0७८5 & हिऽ 212005)--হনিক झावश्यकृता क पूति के लिए शाको तथा फलो को उगाने के लिए थोडा सा स्थान उद्यान में होना भावश्यक है । यह स्थान बंगते के -पीछे हो जिससे बंगले की सुन्दरता पर बुरा प्रभाव न पडे । मध्यम ऊंचाई के फल वृक्ष, पपीते, भनार, नोंबू: बेर, फालसा, रसभरी भादि को लगाना भरच्छा रहता है । उद्यान की सुन्दरता के श्र॑ंग (01061 017भव11०॥18)-- 1. टेढ़ं-मेढ़ा. रास्ते (74ए८० 78015)---उद्यान मे इस तरह के रास्ते काफी सुन्दर-लगते है जो भासन्यास उपलब्ध सामप्रियों से बनाए जाते है। रास्ते को विभिन्‍न रूप देकर ईटो तथा कंक्रोट का प्रयोग करके बनाते है। रंग-विरंगे टुकड़े तथा ई टो को रगकर इसे भोर सुन्दर बना सकते है । 2. सीढ़ी (81९95)--पुष्पोद्यान के भ्रसमतल स्थान को मिलाने के लिए सीढ़ियां बनाते हैं | समतल उद्यान में सोढो तभी बनाते है जबकि उसमें छोटा भाग ऊना था नीचा हों। सीढ़ी सोधी; प्रद्ध वृत्ताकर सुन्दर 'दिखती है !




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