महिलाओंसे | Mahila Onse
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
0.71 MB
कुल पष्ठ :
38
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सुख-सम्बन्धी धम्यें विचार श्धु परन्तु गहरा विदार करें तो समशदारीते काम लेनेमें ही दोनोंका और सारी मानव-जातिका कल्याण है। कुछ मी हो दोनों यदि अलग-अलग रास्ते जायेंगे तो काम नहीं चलेगा। प्रहतिकी बताओ हुआ लिस जोड़ीका -- परमात्मा हारा खुद अपनेमें से निमधि कीं हुओऔ जिन मूतियोका -- सौमाग्य कल्याण बौर सार्यकठा मिसीमें है कि दोनो अपना अपना अहंकार छोड़कर परस्पर ओकरूप हो जायं। मविष्यकी पीढ़ियों और सारे समाजका कल्याण भी मिसीमें है। बितने पर भी तुम घरकी गृद्धि णियो घरकी स्वामिनियां बनना छोदकर आजादी और सुखके लिखे बेक इफ्तरसे दूसरे दफ्तरमें नौव रियां दूंढ़ने ओर करने छूगो तो जिससे तुम्हारा अपना पुरुपवगेका तुम्हारी भावी संतानोंका और सारे समाजका कया कर्याण होगा ? लुममें से कुछ सड़कियोंका यह प्रश्न है कि लड़कियां और स्त्रियां नुत्य सीखें या नहीं ? सिनेमामें काम सरें या नहीं? नृत्य सीखने और सिनेमामें काम करनेमें मी मुनका हेतु रुपया कमाना जीवनके... ही है। अिसलिजे रुपया कमानेके धारेमें मैंने अपनी जी थो चित्र... राय भूंपर बताओ है बढ़ी जिस बारेमें सी तुम्हें समझती चाहिये। तुम्हारे जिस प्रश्नसे मिस वातका स्पष्ट शान होता है कि रुपपा कमाने स्वतंत्र होने और सुख भोगनेके लिजे आज कुकी लड़कियों और स्त्रियों विचार कहां तक जा पहुंचे हूँ । लडकियों तुम्हारे लिन प्रश्नोसे माठूम होता है कि सुख और स्वातश्यकी जिच्छासे सुम भरमा गगी हो जिससे मुझे आरइचर्य ओर दुःख होता है। सुख और स्वातंश्यके लिजे यपया चाहिये और मुखे कमानेके लिखे सिनेमामें जाकर या पुरुपोंके सामने नाचकर मुनका मनोरंजन करनेकी ओर तुम्हारे मनका रुस देखकर मुझे तुम पर दया आती है। तुम्हें बितना ही मालूम है कि नृत्य करनेवाली और सिनेमामें काम करनेवाली लड़कियों और स्नियोंको रुपया मिछता है। परन्तु मुन्हें सुल मिठता.है या नहीं बुनका जीवन किस श्रकारका है और जीवनके अन्त तक बुन्हें ड जन
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