स्वातंत्रयोत्तर हिंदी और गुजराती नयी कविता | Savatantrayottar Hindi Aur Gujarati Nayi Kavita
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
288
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नुयी कविता की सामाजिक और बौठिक पृप्दुमुमि ष
उच्चतम पद की वक पक विधि जनता तक पंच गई श्रौर शासूृनयव्र का व्यक्ति से सषा
सम्बंध हुआ ।
इसका परिणाम यह हुआ कि महत्त्वावाक्षाओं को प्रोत्साहन मिला श्रौर समाज, भय,
सस्क्षति तथा राजगीति तक उन “यवितया के हाथ म॑ जाने लगी जितका सम्बंध मूल भारतीय
विशेषत्तान्ना स थी ।
राजनीति म दृदय परिवतना ने दो जातियो म नए सिरे से दुश्मनी खडी वर दी ।
सामाजिक्ता के सामने वयव्रितकता का उुछ महष्व ही नही रह गया 1 बडे दवा को हर प्रदार
की सुविधा प्राप्त वरते दस छोटे दखबाला न बड़े दल मे फूट डलवान का हर सभव प्रयास
क्या जिसम उनवा श्रपना महत्त्व बना रहू। सत्ता हथियाने के लिए दु्मनी, इर्प्या के साथ
ही छीना भपटी भी चलन लगी। एक वार झवित हेथिया लेने के वाद उसे हाथ से न
निव लने देने वे लिए हर प्रयास क्या जान लगा । एवं सच्चे लोवत न म प्रभावशाली व्यित
झपन को पहचान सवके है और दल वे नियम सतत विक्सनश्नील कायत्रमा पर बनत हैं, बहा
विपक्ष स्व॒रथ हाता है श्रौर उसस जनता का हति भी हाता है! पर तु जहा निरिचत जातिया
कंश्राधार पर विभाजने हाता है वहा उहरावभ्रा जाता है! एक भ्रोरता कडवाहट भौर
विजय वी भावना होती है और दूसरी ओर हाती है वल कृष्ठाए जो जनता के विकासु
श्रौर हिता म वाधर वन जाती हैं । भारत म जातीयता की भावना का यही परिणाम हुग्ना।
नेहरू और सुभाषच'द्र बोस के जिना से क्यि गए पत्र “यवहार से स्पष्ट होता है कि बिना
विचारा के परिवतन के किसी भी समभोते पर आना कठिन था ।*
भारत भर म साम्प्रदायिक दग झ्ाएं दिन वी घटना हो गए थे । महात्मा गाधी
प्रहिसा म॑ विश्वास करत ये कितु उनके काय श्रातक्वादियों और क्रातिकारियों को
भडकाते थे ।
रामहप्ण मिशन वी स्थापना ने हिंदू धम के प्रमुख विचारका और সম अर हि दुभा
(भारतीय अ्भारतीय दोना) म एक सावभोमिक्ता खाने वी चेप्टा की । उसका उद्देश्य ससार
भर के लोगा वेः दशन धम, नतिक्ता, निन्प प्रौर कला, विचान साहित्य आथिक विकास,
स्वास्थ्य, शिक्षण आर्लि सस्थाग्रा पर विचार करना था। स्वामी विवेवाबद न प्रमेरिका
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