कार्यालय पद्वति एवं संगठन | Karyalay Padwati Avam Sangathan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : कार्यालय पद्वति एवं संगठन  - Karyalay Padwati Avam Sangathan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कृष्ण दत्त शर्मा - Krishna Dutt Sharma

Add Infomation AboutKrishna Dutt Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
अध्याय कार्यालय का सामान्य संगठन 2 [ 0876০-028800581207 & 5৪৮ 0) ] 1. क्ार्यात्यों का स्वरूप--संरवारो बर्यालयो फो उनके स्वरूप एवं सगठन के प्राघार पर पाँच श्रे शियो में विभाजित किया जा सकता है - (क) सचिवानय स्तर्‌ पर विभागीय कार्यालय (ख) विभागाध्यक्षो (जझिलाधीशों वो छोड़कर) के फायलिय, (ग) जिलाघीश कार्यालय, (ष) श्रधीनस्य बार्यालय, जो विभागाध्यक्षो या जिलाधीशो मे भ्रधीन हैं, (ड) श्र यवार्याल्य-- पचायत समिति, जिला परिषद, नगर पालिका, নীত্ত মাহি। यार्यालय प्निपाविधि (010९८ ८००९८०९) एक दैप्ता विषय है, भौ दो भागो में समभा भा सकता है-- (१) सामाय पियाविधि-जो सपो बार्यालयी में लगभग एकरूप होती है भौर (1) विशेष क्रियाविधि--जो विशेष प्ररार से किसी बार्यातय या उसके श्रनुभाग/|शाखा के लिये निश्चित को जाती है । राजस्थान सरकार मे जिलाघीश वायलियों के लिये कायलिय क्रियाविधि “दिला (डिस्ट्रिक्ट) सतुप्तल भाग (1) में विहित को है, जिसका पालन जिलाधीश कार्यालयों तथा उसके प्धी मस्य कार्यालया में दिया जाता है 1 इसी प्रवार “ विभागों (जिलाधीश फार्पालयो फो छोड़बर) एवं उनते भ्रघोनस्थ थार्यालयों के लिये कार्यालय फिपविधि पुस्तिका (इसे धागे सिप्त मे “विभागीय कार्यालय क्रियाविधि पुस्तिका याचिका पु“ वहक्र सम्बोधित रिया जा रहा है) में प्रय कार्यालयों के लिये सामा-य क्रियाविधि प्रपनाने का लिर्देश दिया है। अगले प्रष्याया मे विभिन विपयोका वणन करते हुये उपरोक्त निर्देश पुह्तिकाओ के भाधार पर “ कार्यालय क्रियाविधि ! का परिचय दिया गया है तथा सर्म्बा ধাপ भागों के प्रसंग भी दिये गये हैं, ताकि इसमें बताई गई क्रियाविधि का प्रामाणिक रूप से प्रयोग किया जा सके । सचिदरालय की वार्यालय क्षियाविधि “मेकंटेरियट मैनुप्रत/” तया “काम संचालन (बिजनस ) नियम से शासित होती है ! 2 कार्यालय छा सामाय सगठा--पअत्येक विभाग या वार्यालय था सर्वोच्च भ्रधि- कारी “द्ध्य (855৫ ০৫ 73602700106 07 अल्त्‌ ० ०५५९} हीता है, जिसका प्रथम काय यही है वि-वह झपने कार्यालय वा इस प्रकार सगठन बरे भौर वि पाल, जात लाकर र




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now