यशपाल के उपन्यासों में नारी पात्रों का आधुनिकता के स्वरुप का अनुशीलन | Yashpal Ke Upanyason Mein Naari Patron Ka Adhunikta Ke Swaroop Ka Anushilan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Yashpal Ke Upanyason Mein Naari Patron Ka Adhunikta Ke Swaroop Ka Anushilan  by निधि सक्सेना - Nidhi Saxena

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about निधि सक्सेना - Nidhi Saxena

Add Infomation AboutNidhi Saxena

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
क्रमवार उपन्यास एव नारी पात्र - [क ] दादा कामरेड शैल यशोदा नैन्सी फ्लोरा [ ख ] देशद्रोही चन्दा राज दुलारी [ग ] दिव्या - दिव्या सीरो [घ] पार्टी कामरेड गीता [ड ] मनुष्य के रूप - सोमा मनोरमा [ च ] अमिता अमिता हिता सुनन्दा [इ ] ूठासच तारा कनक शीलो [ज ] बारह घटे - विनी जेनी [झ ] अप्सरा का श्राप ~ मेनका शकुन्तला [ज] क्यो फस ? - मोती [ट 1 मेरी तेरी उसकी बात - ऊषा मायाघोष चित्रा गौरी चौथा अध्याय यशपाल के उपन्यासो मे स्त्री-पुरुष के पारस्परिक सम्बन्ध [ क ] सामाजिकता के स्तर पर नर-नारी सम्बन्ध [ख ] नर-नारी के पारस्परिक आकर्षण पॉचवॉ अध्याय यशपाल का व्यक्तित्व ओर कतित्व [क ] जीवन यात्रा [ ख ] यशपाल उपन्यासकार के रूप मे छठा अध्याय उपसंहार परिशिष्ट पुस्तक सूची [ क ] मूल-उपन्यास [ख ] सहायक~पुस्तके [ग ] अग्रेजी-पुस्तके [घ] पत्र-पत्रिकार्प ৭509 - २०६ २१० - २४० २४१ - २६० २६१ - २७५.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now