भालू | Bhaalu
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
154
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१६ भालू
ग्रभी तक कुत्ता तो आया ही नहीं ।
कुत्ते तो हमारे पास ग्यारह हैं, इसाक ने कहा--सोमवार को
उन्होंने उसे भगाया था।
कौर उनकी आवाज़ भी तो तुमने सुनी थी, सेम ने कहा--और
उन्हें देखा भी था। श्रभी तक दुमारे पास वह कुत्ता नहीं है । वहीं एक
कुत्ता इसे घेर सकता है और कह भ्रमी तक हमारे पास नहीं है । शायद
वह कहीं भी नहीं है। श्रब सिफे, एक ही बात हो सकती है और वह
यह कि भालु अचानक किसी ऐसे आदमी के सामने श्रा जाए जिसके
हाथ में बन्दूक हो और जो सही तरीके से उस बन्दृक को चलाना
जानता हो |
भमै वह श्रादमी नहीं हो सकता, लडके ने कृहा--वाल्टरःया मेजर
या और कोई हो सकता है।
हो सकता है , संम ने कहा--कल तुम होशियार रहना, क्योंकि
वह बहुत चालाक है। भ्रपनी चालाकी और चुस्ती से ही इतने दिनों तक
जिन्दा रह पाया है । अगर वह॒ घिर गया और उसे श्रपना रास्ता निकालने
के लिए किसीको कुचलना पड़ा तो वह तुम होगे ।
कंसे ?' लड़के ने कहा--वह कंसे जानेगा--वह चुप हो गया ।
--तुम्हारा मतलब है वह मुझे पहले से जानता है, वह जानता है कि मैं
पहली बार यहां आया हूं ? और मुझे यह परीक्षा करने का समय नहीं
মিলা ই ক্ষন দি সত हो गया और सम की श्लोर एकटक दुह
लगा) फिर उसने आइचर्य के साथ नहीं, नम्नता के साथ कहा--झ।
वह मुझे ही देख रहा था | वरना उसे आने की क्या जरूरत थी ।
ভে होशियार रहना', सैम ने कहा--आश्रो, श्रब चलें । बहुत
रात गए हम कम्प में पहुंचेंगे । |
ग्रगले दिन सुबह वे लोक सदा से तीन घंटे पहले ही चल पड़े ।
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