छन्दोग्योपनिषद | Chhandogyopanishad

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Chandogyopanishad by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१८०, १८१. १८२ १८३. १८४ १८५० १८६. ९८७, ২৫৫, १८९. १९०. २९१० १९२. १९३. १९४० १९५ १९६, ( १७ ) पकादश खण्ड ओपमन्यव आदिका अत्ममीमासाविष्रयक प्रस्ताव ओपमन्यवा्दिका उद्दाकके पास आना उद्दालकका औपमन्यवादिके सहित अश्वपतिके पास आना अद्वपत्तिद्वारा मुनियोका स्वागत ००० अश्वपतिके प्रति सुनिर्योकी प्राथंना भ राजके प्रति सुनिर्योकी उपस्ति ००० दादश खण्ड अश्वपति ओर ओपमन्यवका संवाद ९५५ चयोद्श खण्ड अश्वपति और सत्ययशका संवाद *०० चतुददेश खण्ड अश्वपति ओर इन्द्रग्युम्नका संवाद 28४ पञ्चद्श खण्ड अश्वपति ओर जनका संवाद ००० षोडश खण्ड अश्वपति ओर बुडिलका संवाद ১৯০. सप्तद्श खण्ड अश्वपति और उद्दालकका संवाद अष्टादश खण्ड ह अश्वपतिका उपदेश--वैश्वानरकी समस्तोपासनाका फल वेध्वानरका साज्ञोपाज्न खरूप **० एकोनविश खण्ड भोजनकी अम्मिहोत्रत्वसिद्धिके लिये ध्प्राणाय खाहा? इस पहली आहुतिका वर्णन विश खण्ड ८्यानाय खाह्यः इस दूसरी आहुतिका वर्णन **' एकविश खण्ड (अपानाय स्वाह्य?! इस तीसरी आहुतिका वर्णन ` ° छा० 3० २००७ ५३६ * * ७३८ *** ६६९३९ #@ @ ॐ ५९४० *** ७४२ *** ७४३ ५४५ ५४९ ५५१ ५५३२ ˆ ५५५ ५५७ ५५९ ५६१ ५६३ ` ५६९५ “ ५६६




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