संयोगता - हरण नाटक | Sanyogata Haran Nataka
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23 MB
कुल पष्ठ :
134
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about बाबू हरिदास वैध - Babu Haridas Vaidhya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चश्बीतल के राजावों में अद्वितीय बलशालो और छु
त्िंमान पुरुष है । इख समय पृथौ प्रर उसका यश शरद ऋ
. का सा चटक चांदनो कैला रहा हि) न
... ब्राक्षण--हां मैंने भी इस प्रतापो राजा की बड़ी प्रशंसा
_ शुनो है । वह बढ़ाददी शूरवीर है। छत्रियों के सब गुण
५५ उस में वतन छू ॥ 8
..._ सदतिका--झअकछा झब विशेष प्रशंसा को व का पाप ष र ] রঃ
. नहीं | आज पांठ भी बहुत देर तक हुआ है और ऊपर से
आपने भो गण वसेत में कुछ समय ले लिया | अरू्तु अब |
` कटी क्षे पिले भाग पर मी चलकर कुमारियों को देखना है
... ब्राह्मण--ह हूं शीघ्र चलो (संयीगता से) संयोगता
6 तम यहीं पाठ ऋरो. हसलोग ट्क परणोेशाला को ओर जाते हैं।
ছা ( दोनो का प्रस्थान ) 53 রি 1
: संग्रोगता-ऋपृष्वीसुज की लोग बड़ी प्रशंघा करते हैं ।
जात प्रता है, यड राजाः वारूतविक्मे शू (वोर है, क्योंकि
१ दरबार से श्री इनका बणेंनल होता था... |...
द पडली कमारो--देखो संयोगता शू रबोर के पाले पडकर
च हमें भो न विसरा देना ?
५ से कमारोी--झजी बिवाह के बाद कोन किसको
= प्ता है। ( संयोगता से ) क्यों संयोगता ठोक है ल ?
सीसरी कुमारो--ठोकू है विवाह के बाद यह अपने प्राण
User Reviews
No Reviews | Add Yours...