कृत्तिवास रामायण | Krittivas Ramayana

Krittivas Ramayana by कृत्तिवास ओझा - Krittibas Ojha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सोलह ] बंगला-प्रवेश अपूर्ण वर्तमान काल आमि आसछि मैं आ रहा हूँ तुइ आसबिस तू आ रहा है ओ (से) आसधे वह आ रहा है ए आसछे त यह आ रहा है तुमि आसछो तुम आ रहे हो आमरा आस हम आ रहे हैं रही हो दी हैं एरा आस ये आ रहे हैं तारा (ओरा) - वे आ रहे हैं एरा आसछेन रही हैं आासछे रही हैं आमि भासछि सें आ रही रु आपनि भासछेन आप आ रही हैं तुइ आसछिस तू आ रही है रहो हैं ए आसछ्धे यह आ रही है ओ (से) आस... वह आ रही है सामान्य भविष्यत्‌ काल आमि आसब में आऊँगा,मैं आऊँगी तु आसबि तू आएगा, आएगी ओ आसबे वह आएगा ओ आसब्रे वह आएगी ए आसबे यह आएगा ए आसबे यह आएगी आमरा आसब हम आयेंगे, आएंगी तुमि आसबे तुम भाओगे, ओरा आसबे वे आयेंगे, आएंगी आभओओगी एरा आसबे वें आये, आयेंगी . एरा आसबे ये आयेंगी, आपनि आसबवेन आप आएंगे, आएँगी .. ,, थे आयेंगी सामान्य सुतकाल आ मिएलाम में आया, आई तुइ एलि तु आया, आई आओ एल ह आया ओ एल वह आई ए एल वह आया ए एल यह आई आमरा एलाम हम आए, आई तुमि एले तुम आए, आई ओरा एल वे आए, एरा एल ये आए, आई ओरा एल वे आईं आपनि एलेन आप आए, आईं अपूर्ण भुतकाल आमि आसछिलाम मैं आ श दी तुइ आसछिलि तु आ रहा था डा पा रही थी हक गासछिल वह आ रहा था आओ आसछिल वह आ रहो थी ए आसछिल छिलाम है का रहा था... ए आसिछिल यह आ रही थी आमरा आसछिलाम हम आ रहे थे तुमि आसछिले वुम आ रहे थे, इ हम आ रही थीं तुम आ रही थों रा आसछिल वे आ रहे हा एरा दि आ रहे थे कर्क कह वजञआरहीोंथ॑ एस आर खिल न कि की भापनि आसछिलेन भाप आ रहे थे भाप आ रही थीं




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