पतिव्रता गान्धारी | Pativartaa Gaandhaarii
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
158
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सम्मति
हषं की बात है कि हिन्दी में ह्ियापयागी एक अच्छो
पुस्तक ओर प्रकाशित हो रहो है | लेखक मद्दाशय की कृपा
से मुझे छपने के पदहत्ते ही उसे देखने का झवसर प्राप्त हुआ
है । इसक लिए में उनका कृतज्ञ ह ।
भारतवर्ष का सती-धम्में संसार में प्रसिद्ध है। इस देश की
ख्लियां ने जिस उच्चता और हरढ़ता से अपने प्रम-धमं का पालन
किया है वह श्रद्धा-जनक मी रै ग्रौर आश्चर्यं एवं कातूहल-
जनक भी । पतित्रता गान्धारी क॑ चरित में यह बात और भी
অভ কন से दिखाइ पड़ती है ।
गान्धारी के पति महाराज धृतराष्ट्र अन्ध স্র। इसलिए
उसने भी नेत्र रहते अन्ध-भाव से अपना जीवन बिता दिया।
वह शअ्रपनी आँखों पर बरावर पटो ब.धे रहा । দবি-হন লিল
सुख से वच्चित रहे वह मेरे लिए त्याज्य है। उसके साधन
रहें, पर मेरे किस काम क॑ | त्याग की हृद हा गई। इससे
बड़ा ओर कान सा आदशे हा सकता हैं ?
एसी प्रातः-स्मरणीया देवी का चरितरूपी पवित्र বল
जिन्हांने मद्दाभाग्तरूपी समुद्र से उद्धृत किया है वे सचमुच
प्रशंसा के पात्र हैं। आशा है, हमारो ग्रह-देवियाँ इसे हृदय
में धारण करके उसकी शाभा बढ़ावेंगी |
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