महाराजा छत्रसाल बुँदेला | Maharaja Chatrasaal Bundela

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Maharaja Chatrasaal Bundela by भगवानदास गुप्त - Bhagwandas Gupta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय-सुची दो न्द भूमिका अपनी बात सकेत-परिचय . अध्याय १--पूर्वेतिहास १ भौगोलिक स्थिति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि २ वुदेलो का उत्कर्प---वीरसिह देव तक ২ ४ जुझारसिंह का विद्रोह चपतराय-छत्रसाल के पिता परेशिष्ट--बुंदेला शब्द की व्युत्पत्ति अध्याय २--छत्रसाल का प्रारम्भिक जीवन १ ४. হ্‌ जन्म और वचपन जयसिह की सेना में शिवाजी से मेंट स्वतन्त्रता सधर्प की ओर अध्याय ३--प्रारम्भिक सघर्ष १ च ~ न ५ प्रायमिक चरण (१६७१-७३ ६०) रहल्‍्ला खाँ का दुंदेलखड भेजा जाना (१६७३-७५) छतम्नसाल के प्रभाव-क्षेत्र का विस्तार (१६७५-७९) मुगल अघीनता और पुन युद्धारम्भ कुछ समय के लिए फिर शाही सेना में विद्रोह का अतिम चरण और अन्तत थाही मनसव की प्राप्ति अध्याय ४---छत्रसाल भौर औरगज़ेव के उत्तराधिकारी १ श छत्रनार मौर वहादूरयाह्‌ छप्रमाल और फ्रंखसतियर--मालवा मे जयदिह्‌ मै सहयोग पृष्ठ सस्या ६०६ १०५ १४-१६ १७-३१ ५ ५ ष ५९ ६५७ ६५ ६४




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