हथियार और कलम | Hatiyar Aur Kalam

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Hatiyar Aur Kalam by वाई. एन. सक्सेना - Y. N. Saxena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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2 चम्बल घाटी से नागालेंड तक शाहजहांपुर में मेरे पहले पुलिस अधीक्षक श्री आर०के० गोयल थे । अनुभवी, शालीन, जनप्रिय एवं कार्यदक्ष अधिकारी होने के साथ-साथ श्री गोयल बहुत ही विनोदी स्वभाव के भी थे। मुझे मात्र तीन महीने उनके साथ रहने का मौका मिला | लेकिन उस दौरान मैने उससे धाय-७ पुलिस एक्ट पर कार्यवाही करने का अच्छा प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया था । उनके स्थानान्तरण के बाद श्री मणिक लाल खरे पुलिस अधीक्षक नियुक्त हुये । स्वभाव से कठोर, अनुशासित एवं नियंत्रण रखने के लिए पुलिस फोर्स में मशहूर थे । पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी प्रायः उनके पास जाने में कतराते और घबराते थे । परन्तु वह एक सच्चसि अधिकारी थे । थानों के निरीक्षण पर वह बहुत कम जाते थे । परन्तु जब जाते थे तो एक भूचाल सा खड़ा कर देते थे । इन गिरोहों के आतंक की जानकारी जब प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक शान्ति प्रसाद जी को हुई, तो उन्होने पुलिस अधीक्षक मणिक लाल खरे को बहुत ही रुष्ट होकर एक पत्र लिखा जिसमे उन्होने सष्ट आदेश दिया कि वह तुरस्त ए०एस०पी० वाई०एन० सक्सेना अर्थात मेरे नेतृत्व में डाकू गिरोहों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर डकैती की घटनाओं को नियंत्रित करने का प्रयास करें । तदनुसार मुझे डाकू विरोधी अभियान की बागडोर थमा दी गयी । अपने सर्किल मे तो इस कार्य को करे में मुझे कोई परेशानी नहीं हुई । परन्तु अन्य सर्किलों में डकैती विरोधी अभियान चलाना कुछ कठिन सा लगा, वहां पर तैनात सर्वश्री मेहरबान सिंह, एस. वी.एस. राठी, जे०पी० वर्मा तथा वाई० एन० वर्मा जैसे पुराने कार्य कुशल अनुभवी पुलिस उपाधीक्षकों की तुलना में मै एकदम नौसिखिया था । परन्तु डकैती विरोधी अभियान चलाने का प्रदेश के आई०जी० का आदेश मेरे लिए प्रतिष्ठा का प्ररन बन चुका था । अतः मैने मन बना लिया कि मै पूरी निष्ठा, लगन तथा निर्भीकता से उसका पालन करूंगा । मेरे सर्किल इन्सपेक्टर एस०पी० चन्दोला थे । वह एक बहुत अच्छे, कार्यकुशल एवं साहसी पुलिस अधिकारी थे | उनकी राय पर सबसे पहले मैने सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधिकारियों की एक मीटिंग बुलाई । पीलीभीत से श्री आई०पी० भटनागर, डी०एस०पी० तथा खीरी से श्री नाथूलाल, ए०एस०पी० उसमें शामिल हुये । मीटिंग में हमने गिरोहों की गत्िविधियो, उनके अस्र-शस्त्र तथा यातायात के साधने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की । इन गिरेह्ों द्वारा डाली गयी डकैतियों का पूर्ण अध्ययन करने के पश्चात गैग चार्ट बनाये गये, जिनमें गिरोहों के सदस्यों के नाम, पते, रिश्तेदारियां, पनाह देने वालों के नाम-पते, अपराध की कार्यशैली, गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी, न्यायालय से जमानत पर छूटना, जमानतदारों के नाम-प्तों, गिरोह के सदस्यों की फरारी, न्यायालय से सजा पाना या मुक्त हो जाना आदि सूचनाएं अंकित थीं । मैं जानता था कि इस अभियान की सारी कार्यवाही मुझे अपने उत्तरदायित्व पर ही




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