नम्मयासुन्दरी कहा | Nammaya Sundari Kaha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
143
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(२६-३५ | नम्मयासुंदरीकद्दा । ३
तं नत्थि ज न दीसश तम्मि पुरे बत्थु सुंदरसहाबं ।
संपुभक्भओ तो कह कीरह तस्स विउसेहिं ॥ २६
अविय-
दण [न [भसमं निययसिरिं हरिसमजमततं व |
नम्न्ह द निं पवणुद्धुयधयवडकरे्हिं ॥ २७४
तं पण पाले तया असोगसिरिनरओ इणारसुओ ।
मोरियवंसपस्तओ विक्खाओ संपरं राया ॥ २८
पडिवन्नो जिणधम्मो जेण सुहत्थिस्स पायमूलम्मि ।
संबोहिओ य पायं भरद्धेऽणारियजणो वि ॥ २९
काराविया य पुहवी अणेगजिणभवणममडिया जेण । 10
जिणमयबहूमाणाओ अकरभरा सावया य कया ॥ ३०
तत्थेव पुरे निवसह सिद्री नामेण उसमदतत॒ तति ।
जीबाहतत्तवेईं निचलचित्तो जिणमयम्मि ॥ ३१
जिणधम्मे धीरम वीरमई नाम गेहिणी तस्स |
कुंदेंदुजलसीला पिया हिया बैधुवग्गस्स ॥ ३२1
तेसिं पि दुवे पुत्ता कमेण जाया गुणे संजु्ा ।
कुलेन प. १, [हयलससि-रविणो सहदेवो बीरदासो य ॥ ३३
एगा य वरा कन्ना पहसियरइलच्छिरूवलावत्रा ।
गुणसयभूसियगत्ता जाया नामेण रिसिदर्ता ॥ ३४
उत्तमकुलुब्भवाणं कन्नार्ण रूवक्रंतिकलियाणं । 20
सहदेव-बीरदासा पिउणा गिन््हाविया पाणी ॥ ३५
एवं'च तेपि सब्ेसि कुलकमागयजिणधम्माणुपालणरयाणं हृह-परलोयबि-
रुद्धकिरियाविरयाणं जिणम्रणिपूयासकारकरणुजयाणं परमयपयंडपासंडिवाइ-
दुलयाणं बिसुद्धववहारोवजियपहाणपसिद्धीणं पुवभयोवजियगुभाणुभावषवङ-
माणधर्णसमिद्धीणं सुदेण वंति दीहा । इत्थतरे रिसिदत्ता संपतता तरुणज-%5
णमणमयकोवणं जोदणं - जायाई॑ तसियकुरंगिलोअणसरिच्छाई অবতার
लोयगाई, पाउभ्भूओ पओहरुग्गमगो, खामीभूओ मज्ञमभागो पसाहिओ य
तीहिं बलयरेहाहिं, सम्द्धिया य नाभिपउमस्स नालायमाणा रोमराई,
$ भरे. २ कुदेदु ३ परा. ४ सिरिदक्ता. ५ एकं, ६ माणबण ,
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