नम्मयासुन्दरी कहा | Nammaya Sundari Kaha

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Nammaya Sundari Kaha (1960) Ac 4210 by

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(२६-३५ | नम्मयासुंदरीकद्दा । ३ तं नत्थि ज न दीसश तम्मि पुरे बत्थु सुंदरसहाबं । संपुभक्भओ तो कह कीरह तस्स विउसेहिं ॥ २६ अविय- दण [न [भसमं निययसिरिं हरिसमजमततं व | नम्न्ह द निं पवणुद्धुयधयवडकरे्हिं ॥ २७४ तं पण पाले तया असोगसिरिनरओ इणारसुओ । मोरियवंसपस्तओ विक्खाओ संपरं राया ॥ २८ पडिवन्नो जिणधम्मो जेण सुहत्थिस्स पायमूलम्मि । संबोहिओ य पायं भरद्धेऽणारियजणो वि ॥ २९ काराविया य पुहवी अणेगजिणभवणममडिया जेण । 10 जिणमयबहूमाणाओ अकरभरा सावया य कया ॥ ३० तत्थेव पुरे निवसह सिद्री नामेण उसमदतत॒ तति । जीबाहतत्तवेईं निचलचित्तो जिणमयम्मि ॥ ३१ जिणधम्मे धीरम वीरमई नाम गेहिणी तस्स | कुंदेंदुजलसीला पिया हिया बैधुवग्गस्स ॥ ३२1 तेसिं पि दुवे पुत्ता कमेण जाया गुणे संजु्ा । कुलेन प. १, [हयलससि-रविणो सहदेवो बीरदासो य ॥ ३३ एगा य वरा कन्ना पहसियरइलच्छिरूवलावत्रा । गुणसयभूसियगत्ता जाया नामेण रिसिदर्ता ॥ ३४ उत्तमकुलुब्भवाणं कन्नार्ण रूवक्रंतिकलियाणं । 20 सहदेव-बीरदासा पिउणा गिन्‍्हाविया पाणी ॥ ३५ एवं'च तेपि सब्ेसि कुलकमागयजिणधम्माणुपालणरयाणं हृह-परलोयबि- रुद्धकिरियाविरयाणं जिणम्रणिपूयासकारकरणुजयाणं परमयपयंडपासंडिवाइ- दुलयाणं बिसुद्धववहारोवजियपहाणपसिद्धीणं पुवभयोवजियगुभाणुभावषवङ- माणधर्णसमिद्धीणं सुदेण वंति दीहा । इत्थतरे रिसिदत्ता संपतता तरुणज-%5 णमणमयकोवणं जोदणं - जायाई॑ तसियकुरंगिलोअणसरिच्छाई অবতার लोयगाई, पाउभ्भूओ पओहरुग्गमगो, खामीभूओ मज्ञमभागो पसाहिओ य तीहिं बलयरेहाहिं, सम्द्धिया य नाभिपउमस्स नालायमाणा रोमराई, $ भरे. २ कुदेदु ३ परा. ४ सिरिदक्ता. ५ एकं, ६ माणबण ,




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