गीतमाला | Geetmala

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Geetmala by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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समिलण रा सासा महू इय हाल मोद मनावू मैं थारी उडीक राखतो रव,, जेव निजर जोवतो रैव -- वो थारो थिरचक गला, जठ छिया, च्यानण लारे लेफ अर वर्षा उनाक लग फेफ ! सून गिगण ভূ सनेसा ल्यावणिया उवे पय हाफे भाव, म्हारो सम्माण कर अर तुरता-फुरत उतावक्- बुवा जावे | स्हारो हिड़दे हरखकोड बोढ ज्यावे अर सने थूवत्ती बगती वाय मिप्ठ सास छांड ज्याय ! थार फछस दरूज दिनूगे सू आाथणताई याही आस लिया बठा रैव, वे कदे कदास अचाणचक हीं उबो दविक पल आ जावैला जद थारे सू परतख मिलणी भिटणो हौ जावलो । जद ताणी रह ओका वैठो कदी हँसू कदे गाव्‌ । इण सर्म- भेती मझ पिताबो, म्हार नड निडास री हवा, मिलण री सारमाशा सैती सासा डव्याडा है !




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