सोवियट रूस का आर्थिक विकास | Soviyat Roos Ka Aarthik Vikas

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Soviyat Roos Ka Aarthik Vikas by बी. सी. टंडन - B. C. Tandan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अक्टूबर /६/७ की कन्ति | [११ इस युग में लोहे का उद्योग काफी बढ़ा चढ़ा था जिसंकां उत्पादन इंगलेड से कई गुना अधिक था। रूस का लोहा बिदेशों को भी जाता था और इसकी | प्रतिस्पंधा विशेषकर स्वीडन के लोहे से थी। इस उद्योग का संगठन दो प्रकार से किया गया। कुछ स्थानों पर सरकारी कारलाने (91266 {46101165 ) थे जिसका अबंध राज कोष ( 17८४४०:४ ) से होता था । कुछ स्थानों में निजी व्यवस्थापक द्वारा कारखाने चलाये जाने की प्रथा अधिक प्रचलित थी जिनको सरकार से, कहीं-कहीं सहायता भी मिलती थी । 28 5. সি १९वीं शताब्दी में वस्र उद्योग ने भी काफी उन्नति की । परन्तु श्रमिकों को कंमी इसकी एक बड़ी समस्या थी क्‍योंकि श्रमिक वर्ग अधिक कुशल न था । इसका प्रबन्ध घर पर काम भेज कर ( एपा/78 ०५८ ४9४८४ ) कराया जाता था। सूत कातने का काम अधिकतर गाँवों में ही होता था। अद्ध -सबेहारा वर्ग ( 5€701-77016:81120 ) तमाम काम कारखाने से अपने घरों मे लाकर पूरा करते थे और शहरों में जाकर पारिश्रमिक का भुगतान ले आते थे । कुछ समय बाद वाष्पशक्त करवा ( 8५८१०) 707०7 10०7 ) के प्रयोग से कारखानों की मात्रा में काफी वृद्धि हुई चर इस उद्योग को १८६६ के वाद्‌ बड़ा प्रोत्साहन मिला । . दूसरे उद्योगों की तरह इसका भी संचालन विदेशियों द्वारा हुआ जिसमे उन्हीं की पृजी चेर्‌ प्रबन्ध था । अधिकतर विदेशियां के ही हाथ में बारीक व कुशल कायं थे । उत्प.त्त स्वामित्व मे एकप्रता रदी थी । = ˆ लौहे के उद्योग को भी सरकारी सहायता बराबर मिली. जिससे इसको प्रोत्साहन प्राप्त होता रहा। पयाँप्र मात्रा में कोयले और कच्चे लोहे की खाने पास-पास होने के कारण इंबन या शक्ति की कमी न थी ओर १८८० के बाद यातायात सुविधाएँ प्राप्त हं।ने से यह रूस का एक महान उद्योग. समझा जाने - लगा । नये-नये लोई के उद्यग-घंधे बड़ पैमाने पर चलाये गये । लगभग १८८० के अन्त तक २६ लोहे गल्षाने क( भायां ( ०195 ६012५66 ) स्थापित हो चुकी थी ओर १२ भ्यो कौ स्थापना व निर्माण का काये आधे से अधिक हो गया था । कारखाने इतने बड़े थे कि अधिकतर एक-एक कारखाने में लगभग १०,००० आदमी काम करते थे। १८८४ ओर १८९८ के बीच कच्चे लोहे के उत्पादन में चार गुना वृद्धि हुई थी। कुछ ही समय में उत्पादन बीस 'लाख टन से अधिक हो गया था | इसके बाद १५ ब में ही उत्पादन दुगने से अधिक ( ४६ लाख ) हो गया जब कि फ्रान्स में कच्चा लोहा इसो समय २ लाख टन से अधिक ओर संयुक्तराष्ट्र में १० लाख टन से अधिक उत्पन्न न होता था । इन तमाम उद्योगों म जेसा कि पहले बतलाया जा चुका है संकेन्द्रण॒ `




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