पाठमाला (पहला भाग) | Pathmala (Pehla Bhaag)

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Pathmala (Pehla Bhaag) by ई. मार्सडन - E. Marsdan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about ई. मार्सडन - E. Marsdan

Add Infomation About. E. Marsdan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
मुश्क बड़ी सुगंधित बस्तु है। दूध तश्तः ढांक दो। मथुरा में श्रीकृष्ण के बड़े ब न्दिर हैं। प्रह्मद का जन्म मुह्तान नगर : प्रा था। आप का प्रश्न मेरी समझ में नह या। भारी ओर लगातार ष्टि होने ২ ती को बड़ी हानि पहुंचती हे। আজ ल में धूप बड़ी कड़ी होती हे । मनुष्य : ए भट बोलना बड़ा पापहे।! च्ियोँक दथ वड़ा कोमल होता हे, उनसे किसी छ नहीं देखा जाता ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now