सरल शरीर विज्ञान | Saral Sharir Vigyan
श्रेणी : आयुर्वेद / Ayurveda
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.85 MB
कुल पष्ठ :
192
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about नारायणदास बाजोरिया - Narayandas Bajoriya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हमारे शरीरकी रचना |
श्ारके क्रिसी व्यक्तिने पते को उठाकर कहीं रख दिया । पर
यदि चूदेको पकडकर भाप उसी ताखपर रख दे तो भाप देखेंगे
'कि आपके हाथसे वह अलग हुआ कि रंग भागा।. चद्द श्षण
भरके लिये भी स्विर नहीं रद सकता । पर यदि चही चूहा
ज़मोनपर या भर कहीं रख देनेके वाद भी न दिले डोले तो
समक लीजिये कि चदद मर गया है, उसमें जान नहीं रह गई
है।
... पर आजकल चाजारमें रेलगाड़ी आदि अनेक तरहके खिलोने
विकते हैं: जो आपसे आप चलते हैं। रेलगाडीमें ताली दे'
दीजिये और घद्द दौड़ पड़ेगी । पर जहा ताली खनम हुई वहीं वद
रुक जायगी । फिर उसे आगे चढ़नेका साहस नहीं । यदि
आप उसे फिर दौड़ाना चाहते हैं तो फिर ताछी भरिये और चह
पोड़ने लगेगी । पर जीवधारी पदार्थके लिये इस तरह ताली
शभूरनेकी आाचश्यकता कभी भी नहीं पड़ती ।
दूसरी विशेषता यह है कि हममें गर्मी भरी हुई है । भीएण-
से भीपण जाड़ा पड़ रहा है, सर्दीके मारे हाथ पेर ठिठुरे जा रहे
हैं. किसी चस्तुको छूना कठिन है, इस अवस्थामें भी आपके
शरीरमें गर्मी है | आाजमाइशके लिये थोड़ी दूर दोड़ आइये और
परीक्षा कीजिये या किसी ऐसे कपड़ेको अपने वदनपर डाल
लीजिये , जो ठण्ड हो गया है। थोड़ी देस्के वाद कपडा
आपको गरम मालूम देगा। हम कपड़ा इसलिये नहीं
'प्रहनते था ओढ़ते कि हम अपने बदनको गर्मी पहुचावें । हमारा
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