स्वास्थ्य-साधन | Swaasthya Saadhan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16.15 MB
कुल पष्ठ :
117
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हमें मानना पड़ेगा कि हुवा के बिना जीवित रहना असम्भव है । हम जानते हैं कि रक्त का संचार सारे शरीर में होता है फिर फेफड़ों में आता है और शुद्ध होने के बाद पुनः चक्कर लगाता है। साँस द्वारा हम अशुद्ध हुवा बाहर निकालते हैं और बाहर से आक्सिजन भीतर लेते हैं जिससे रक्त शुद्ध होता है। यह क्रिया चराबर जारी रहती है । इसी के उपर मनुष्य का जीवन निमर है । पानी में डूबने से हम इसलिए मर जाते हैं कि न तो दम दवा को बाहर निकाल सकते हैं और न ताजी हवा पा सकते हैं । न का से पेठते हैं तो उन्हें गोता लगाने वाले जब पानी में पंठते हैं तो उन्हें. ट्यूब द्वारा बाहर से ताजी हुवा मिलती है । इसी कारण वे पानी में देर तक ठहरते हैं। यह अनुभव से सिद्ध हो चुका है कि हवा के बिना मनुष्य पाँच मिनट से अधिक जिन्दा नहीं रह सकता है । बच्चों को मृत्यु हमें अधिक सुनाई पढ़ती है । इसका मुख्य कारण उनकी. अनभिज्ञ मातायें हैं जो उन्हें ताजी हवा में नहीं रखनी हैं। दस लोग अशुदूध हवा के उसी प्रकार विरुद्ध हैं जिस प्रकार गन्दे पानी छौर भोजन के ेकिंन पानी और भोजन की अपेक्षा शुद्ध हवा के झधिक विरुद्ध हैं। चाहे हम प्यास से मर हो क्यों न जाय लेकिन दूसरे की कुल्ली किये हुए पाती को कभी भी काम में न लायेंगे । लेकिन दुख की बात यह है कि हम शुद्ध हवा की छोर ध्यान नहीं देते । हस प्रत्यक्ष वस्तु की पूजा करते हैं लेकिन अप्रत्यक्ष एवं लाभदायक वस्तुओं पर ध्यान ही नहीं देते । बहुत से झादमी एक साथ सोते हैं लेकिन जो बिषेली हुवा उस कसरे में रुंजी रहती है उसका हम तलिक सी ध्यान नहीं रखते । दूसरे आदमी का जूठा पानी और जूठा भोजन पीने-खाने के पूर्व हमें अच्छी तरह सोचना चाहिए । तक कि वे मनुष्य भी जो भूख और प्यास से मरते हों ऐसा करने के लिए कभी भी तेयार
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