हिन्दी कृष्ण भक्ति - काव्य पर पुराणों का प्रभाव | Hindi Krishna Bhakti - Kavya Par Purano Ka Prabhav

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Hindi Krishna Bhakti - Kavya Par Purano Ka Prabhav by शशि अग्रवाल - Shashi Agarwal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याय १ हिन्दी कृष्णभक्ति-काव्य को प्रभावित करनेवाले पुराणां का परिचय संस्कृत साहित्य में अठारह महापुराण और अ्रठारह उपपुराण प्रसिद्ध है । महापुराण निम्नलिखित हैं :-- १--श्रीमद्भागवत १०--भविष्य पुराण २-- विष्णु पुराण ११ गरुड पुराण २-- बरहमवैवर्त पुराण १२--न्रह्याण्ड पुराण £ ४-बहन्नारदीय पुराण १३- ब्रह्य पुराण ५-पदूम पुराण १४--वायु पुराण $६--बामन पुराण १४-स्कंद पुराण ७-मत्य पुराण... १६--माकण्डेय पुराण ८-वाराह पुराण १७- अग्नि पुराण £--कूम पुराण १८-लिंग पुराण इन अठारह महापुणणों में से प्रथम छः पुराण वैष्णव पुराण हैं। अन्य बारह पुराण शैव और ब्राह्म हैं | द अठारह महापुराणों में से लगभग आधे पुराणों का सम्बन्ध वैष्णव धरम तथा कष्ण भक्ति से नितांत स्फुट है । शेष मे भीमद्भागपत, विष्णु, ब्रह्मवैवत्ते, नारद और पद्म--इन पाँच पुराणों में विष्णु के आध्यात्मिक रूप तथा महिमा का व्यायक और सर्वाज्धि सुन्दर वर्णन किया गया है, जिसने हिन्दी कृष्णभक्ति- कात्य को बहुत प्रभावित करिया है | वामन, मत्स्य, वाराह श्रौ कूृम--इन चार पुराणों का नामकरण तथा निर्माण भगवान्‌ विष्णु के चार अबतारों को लक्ष्य करके रखा गया है, किन्तु हिन्दी कृष्णभक्ति-काव्य को प्रभावित करने में इनका बहुत कम हाथ है| कृम पुराण यद्यपि नाम से केष्णवपुराण प्रतीत होता।है; किन्तु इधमें शिव की महानता को विष्णु से अधिक दिखाने का प्रयत्न किया गया है। अतः कूम पुराण को वैष्णव पुराणों के अन्तर्गत भी नहीं रखा २




User Reviews

  • Mona singh

    at 2020-04-14 16:36:16
    Rated : 1 out of 10 stars.
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