जनता के तीन सिद्धान्त | Janta Ke Teen Siddhant

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Book Image : जनता के तीन सिद्धान्त  - Janta Ke Teen Siddhant

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १३ ) प्रकार वास्तव में में ऐसी बहुत सी बातों को छोड़ गया हू जो मेरी पांडलिपि में थीं। पुस्तक छपने के पहले यद्यपि में आवश्यक चीज़ें जोड़ रह हू और संशोधन भी कर रहा हू तथापि में अनुभव करता हूँ कि स्पष्ट रूप से विषय प्रतिपादन करने, सिलसिलेवार रूप से व्याख्या करने और तथ्यों के अनु- मोदन करने की दिशा में ये व्याख्यान पहले तैयार की हुई सामग्री तुलना में कुछु भी नहीं हैं। में आशा करता हु कि हमारे साथी इस पुस्तक को द्राधार या परक शक्ति मानकर प्रचार-कायं के लिए इसका विस्तार ओर इसमें संशोधन करेंगे, छूटी हुई बातों को जोड़ देंगे, इसके वर्गीकरण में सुधार करेंगे ओर इसे सत्र तरह से त्र॒ण्द्वीन बनाएँगे। तब्र इससे हमारी जनता को और दमारे राजकों जो लाभ होगा वह सचमुच में अपरि-' मेय होगा । केण्टन माच १०, १३२४ है. :. सुन्‌ वम्‌




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