केशवमाहात्म्य भाषा | Keshavamahatmy Bhasha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
834 KB
कुल पष्ठ :
68
श्रेणी :
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केशवमाहाम्त्य । १३
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৬
व्याकुरु कुं निरचिन्तां कीने ।
यह् उपाय सू धीरज दीने ॥
अन्तरध्यान भये मुनिराजा ।
निरपत चस्यो भजन केकाजा॥
चित्रउत्पला के तट आयो ।
गेगा सम वह नदी छखायो ॥
विध्याचल पवतसों आई ।
दक्षिण दिशा समुद्र समाई ॥
जम के ताप नसाचनहारी ।
निमंरु जख उल्जखूअतिभारी ॥ :
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