मोत्यां मूंधो औसर | Motyan Moongho Aosar
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
591 KB
कुल पष्ठ :
56
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हौसतो जीत्या करे 15
[र बो काकरी उठा'र उण पे फंकी । इत्ता मे वटाखट क्रतो हुयो ओक
भवान उण र सान मार ऊमौ हयो अर बोत्यौ, “ঘলাম আনুন भाई 1
“मालेक्म सलाम | कीवर आवणो हुयो ? अब ? ईं टैम रा २7
“आपने कमाडिग-अफसर सांब याद फुरमाव ! अवे | ई ज घड़ी !
पधारो 1“
कागद उः ई मेत्यो, वी वै भां रो वोज्ञ धरर ब्दीर हुई गियो ।
घायरलेस पै वैठधोडो अफ्सर माथी उठा'र थोडी जेज उण रो उणि-
यारो देख'र बोल्यो--रिसालदार अयूब | ठेम आ पूर्गी। सम्भलणे रो
ओऔसर भी अवै को है नी। समाचार है'व, पाक रा पैठनटैका 'रो दछ आपा
रे नजीक आ पूगो है ।”
आय्या मे अणूती चिक पढटकी | भुजावा फठकी | मनचीत्यो हुयो।
“ साव । अल्ला-ताला जेज सू सुणी, पण सुणी जरूर! हुकम हुवे तो
पैटनटेका सू धकरा'र देखू । जलमभोम पै मर मिटर्ण रो ओ मूषामोलो
क्षैसर आयो ए!
“अयूव ! थार पे मन््नें पूरो विस्वास है। अब आप री सूझबूझ मू,
ट्टा जवान लैर देस रे नमक रो करज उतारो 1/
* फौजी संग टाछवा ई ण हुवे । हुकुम री जेज है ।”
“कूच करी | थारी मदत, आर्भ सू नेट नर हटर जहाज बरैता।
पाछ सू पैदल सेना भी पूग जासी ।”
/“दैटनटैका रो विणास कर दूला, जूना चेडा उजाड दूला ।”
दे पै मर मिटणे रा कोड मूछाछा री टुकडी दुसमणां ₹ समन्दर
रो बिलो-वणो बरण नै घ॒र्क बधी ।
आमै-सामे होवण म जेज को लागी नी । दुसमण रा पैटनटेवा सू गोछा
री बिरखा होवण लागी। गोवा छूट॑, जमी फाड'र धस, धुवा अर धूड रा
बादक्क उठे 1
हवलदार अब्दुल हमीद जबावी ग्रोद्या दागण ने उतावछो हयो पण
अयूब बरज'र कैयो, “जोस म होस नी खोवणों । छानामाना बचता हुया
बढ़ता रैवण मे ई ज सर है। नजीक पचर चीते रे ज्यू मटादूट हमलो
बरस्था। यू भेक भी गोछो खाली नी जावेला | मरणो तो है ही, पण,
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