सल्वटा | Salvatan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)15
वो्िये कोय मूँ मैयकरौ री प्राच्या भे शसू भरीजग्धा । “मूं इण ठाला-पूला
रो गिरस्ती रै टूटा-भागा गाडा नै मर-खप ने धकाऊ ने ओरो म्हारे मार्थ ईज कूड़ी
बदनामी रो ठीकरो फोर्ड ! जवानों में कंडी गोरी फूटरी हो, नें निखोद जाजों बाप
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भाटी में सेव दीनी । सीढी गूथू म्हू इण राडजिप्या री 4
गमखाणे रो गुण कुदरत सू वैपार ज्यू हुवं | दूझती गा री लात ई खावणी
पड़े ण्ण बाखडी सामी भेटी करे, तो ई सोटा री पदरावां । जो खीमदास श्रणकमाऊ
भई होवतो, वो मैथक्की उणसू भू डी ग्राक्तूयां नाड-नीचो कर'र घुण तेवती । पण इण
भूखीनै बेमार हालेतमे सत ई उणरौ जमा पूजी ही, थ्रमोलक धन ! उण मायं
अदूयोडी श्रांगल्ली देखंण री उण में हीमत कोनी ही, जको किडकिडिया पील ने बोली*
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“महू हूजो रा टावर लाऊ जको ঘূ ল্গাই লাজব্ ই?” কহ না रोवण लामी।
आपरी मरदानगी माथे दाग री वात सुण'र खीमदास ने काछ चढ,यो । क्रोध
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भू' मधकरी रं मोथा माथे वाही । चिलम लागती मौर तावश्ोणी पैथकी “माए 5
करजमौ माथे पेसरगी। मायासू वमगनवगग लोही षड्वा ढू को। हॉका-बोक॑
हुयोडी सुगणक्री दौड'र मा है पांडे आई । घबराट सू धृजती उण आपरे ग्रोढर्ण रो
पललो भा रै माथा सू बंवर्त लोही माथे दवाय प्रेमदास ने पाडोसी रै श्रठा मू छीकृणी
ज्ावण ने दीडायो | दाधर बगना हुवे ज्यू मा है चार्रु कानी बेठ'र बिलखण दू का |
আই সামা জু সঘায মীতীভী ভাতা হী দর লেগ ভূকী।
हवा रे लैरक॑ सू' झगणे ऊभी पौपछी रा म्दीवाड़ सू पीछा पोनो झंड
हा । इणी पकछ एक कांगलो कांय-कॉय कर रोवतो-रोवतो उडयो | डच करतो दाछ
धू एक ईंडो पड़ फूटूयो, पण उण कानी किणी रो घ्यान को गयो नी ।
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