सम्पूर्ण गांधी वाड्मय [भाग-६३] | Sampurna Gandhi Vaadmay [Bhag-63]
श्रेणी : इतिहास / History, जीवनी / Biography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
520
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पाठकोको सुचना
हिन्दीकी जो सामग्री हमे गाघीजी के स्वाक्षरोमे मिली है, उसे अविकलं रूपमे
दिया गया है) किन्तु दूसरों द्वारा सम्पादित उनके भाषण अथवा लेख आदिमे
दिन्जोकी स्पष्ट भूलोक युधारकर दिया गया है 1 ,
अग्रेजी गौर गुजरातीसे अनवाद करने मे अनृवादको मूके समीप रखने का पूरा
प्रयत्न किया गया है, किन्तु साथ ही भाषाको सुपाठ्य बनने का भी पुरा ध्यान रखा
गया है। छापेकी स्पष्ट भूले सुधारने के बाद अनुवाद किया गया है। और मूलमे
: प्रयुक्त छब्दोके सक्षिप्त रूप यथासम्भव पूरे करके दिये गये हैं। नामोको सामान्य
उच्चारणके अनुसार ही लिखने की नीतिका पाछून किया गया है। जिन नामोके
उच्चारणमें सशय था उनको वैसा ही लिखा गया है जैसा गाघीजी ने अपने गुजराती
लेखोमे लिखा है।
मूल सामग्रीके बीच चौकोर कोष्ठकीमे दी गईं सामग्री सम्पादकीय है। गांधीजी ने
किसी लेख, माषण आदिका जो अश मूल रूपमे उद्धृतं किया है, वह् रिया छोडकर “
गहरी स्याहीमे छापा गया है, लेकिन यदि कोई ऐसा अश उन्होंने अनूदित करके
दिया है तो उसका हिन्दी अनुवाद हा्िया छोडकर साधारण टाइपमे छापा गया है।
भाषणकी परोक्ष रिपोटं तथा वे शब्द जो गाधीजी के कहे हुए नही है, बिना हाशिया
छोडे गहरी स्यारीमे छपे गये हं । माषण জীব भेटकी रिपोटकिं उन अशोमे, जो
गाघीजी के नही है कुछ परिवतेन किया गया है জীব कही-कही कुछ छोड़ भी दिया
गया है।
शीषंककी लेखन-तिथि जहाँ उपलब्ध है, वहाँ दाये कोनेमे ऊपर दे दी गईं है।
परन्तु जहाँ वह उपलब्ध नही दै वहाँ उसकी पूति अनुमानसे चौकोर कोष्ठकोमे की
गई है, और आवश्यक होनेपर उसका कारण स्पष्ट कर दिया गया है। जिन पत्रोमे
केवछ मास या वर्षका उल्लेख है, उन्हें आवद्यकतानुसार मास् या वर्षके अन्तमे रखा
गया है। छ्षीषकके अन्तमे साधन-सुत्रके साथ दी गई तिथि प्रकाशनकी है। गाधीजी की
सम्पादकीय टिप्पणियाँ और लेख, जहाँ उनकी लेखन-तिथि उपलब्ध है अथवा जहाँ
किसी दृढ़. आधारपर उसका अनुमान लगाया जा सका है, वहाँ लेखन-तिथिके
अनुसार ओर जहाँ एसा सम्मव नही हमा, वहां उनकी भ्रकारन-तिथिके अनुसारः
दिये गये है।
पन्द्रह
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