पशु और मानव | Pashu Or Maanav
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
250
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पशु और मानव ६
अपने को नवीन पुराणों का वैज्ञानिक कवि समभता है। दोनों
को अधिकार है कि अपनी धारणाओं को मानें, चूं कि सनुष्य
की खिति-परिश्थिति का वे नए मूल्यों में अध्ययन करना चाहते
हैं। अपने प्रयोजन के लिए जो कुछ वे असंगत, अनगेल शौर
श्रवांद्ठित सममते हैं, काट-छोंट कर अलग कर देते हैं। जो
कुछ इनके मूल्यों की कसौटी पर खरा नहीं तरता, वह देय
और वित है, रदी की टोकरी मेँ फक दिए जाने योग्य । इस
नाप-जोख में वे सफल कलाकार, गम्भीर विचारक और कुशल
वैज्ञानिक की तरह अपनी बुद्धि का प्रदर्शन करते हैं। उस प्रद-
शंन का परिणाम होता है जेलों का भरना, राजनीतिक
नासिकं का मौत के मुँह में ढकेला जाना, व्यक्ति की इच्छाश्रों
व अधिकारों का कुचला जाना. और गाँधियों की हत्या।
हज़ारों शिक्षक और असंख्य ब्रॉडकास्टर उनकी सत्ता की अछु-
ण्णता के गीत गाते हँ--इसीलिए वे हैं।
बोब कह रहा था-“कोई कारण नहीं कि मूवी एक
कला न बन सके । यह तो इस व्यावसायिक नीति ˆˆ*
उसकी वाणी में विज्ञोम उमड़ पड़ा--उस सामान्य कला-
कार का सा जिसे नाचना कम आता है, पर जिसे आँगन की
देदह खल उठती है। तीत्र भत्सेना के साथ उसने व्यावसा-
यिक तीति पर चोट की |
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