स्मृति | smarati

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Book Image : स्मृति   - smarati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आपके सरल व साधु स्वभाव तथा निरछल व मधुर व्यवहार ने आपको सवंश्रिय वना दिया था । सभी वर्गो के, सभी स्तर के लोग श्रापके प्रति श्रादर भाव रखते थे । आपकी श्रभी बहुत आवश्यकता थी, पर दुर्भाग्यवश काल के वज्भ-प्रहार ने सब कुछ नष्ट कर डाला । यदि हम आपके सात्विक व सरल जीवन और आपके कोमल-मघुर स्वभाव से सत्मेस्णा प्रात कर सकें तो हम अपने जीवन को सेवा-परायरा वना सकेंगे और अपने चतुदिक व्याप्त विश्वुव्य वातावरण को मधुर, प्रेमास्पद व सहिप्सु बनाने मे पूरा योग दे सकेंगे । आज भ्रापका भौतिके शरीर हमारे सामने नहीं, पर आपके कार्यों का दीप हमारा पथ आलोकित कर रहा है। एक वार पुन मैं स्वर्गस्थ आत्मा के प्रति श्रद्धावनत होना अपना पुनीत कर्तव्य समभता हूँ ११




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