अपूर्णा ग्राम | Apoorna Gram

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Book Image : अपूर्णा ग्राम  - Apoorna Gram

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अपनी आशाएँ एक दूसरे को बताते रहे होंगे । कोई भगवान शंकर के ताण्डव नृत्य के विषय में अपने साथियों से विचार-विमर्श करता होगा, तो कोई महावीर के जीवन पर प्रक्राश डालता होगा, कोई पाषारों में अ्लंकरण के समय अनुभव के प्राधार पर उठ खड़ी हुई समस्या को सुलभाने हेतु सुझाव एवं मार्गदर्शन चाहता होगा, तो कोई गगनचुम्बी विशाल मन्दिरों की रूपरेखा एवं प्लेटफार्म बनाने की योजना तैयार करता होगा | इस बीच मुख्य शिल्पकला निर्देशक अपने मुख पर सौम्य स्मिति लिए शिष्य वर्ग के मध्य पहुंच कर उनकी समस्याएं एवं योजना सुनते होगे, अ्रनेक ग्रनुभवों के प्राधार पर, समस्या्रोको हल करते हष आवश्यक मार्गदर्शन, सुझाव शिल्पकारों को देते होंगे, और निशदेवी के श्रागमन पर दिनभर के थके- माँदे सो जाते होगे । प्रातःकाल पुनः विविध प्रकार के पक्षियों के मधुर कलरव के मध्य कला की साधना से पूण जीवन-क्रम प्रारम्भ हो जाता रहा होगा । इन अज्ञात शिल्पकारों को, जिन्होंने प्रस्तरों को काट-छाँट कर भाव- पुरं प्रतिमाग्नों को जन्म दिया, मेरी श्रद्धा की सुमनाञऊ्जलि समपित है । श्री निदेशक महोदय, भारतीय पुरातत्व संग्रहालय नई-दिल्ली का सदेव कृतज्ञ रहंगा, जिनकी वैधानिक स्वीकृति से श्रथूं णा'के इस कायं को निरन्तर गति दे सका | डं०श्री नागेन सिह जी ग्रार्दण्सीन्एसण न्यायाधीश, इन्टरनेशनल कोटं श्रॉफ जस्टिस, हेग (भूतपूर्व निजी सचिव, महांमहिम राष्ट्र पतिजी) के प्रति अपनी असीम निष्ठा एवं कृतज्नता ज्ञापन करना पुनीत कत्त व्य समभता हूँ जिनका आरम्भ से अ्रन्त तक पूर्णो सहयोग एवं मार्गदर्शन रहा है। इन्होंने ग्रपने स्वेथा व्यस्त कार्य क्रम में भी मेरे कार्य हेतु जो तत्परता दिखाई है इसके लिए किन्हीं सीमित शब्दों द्वारा प्राभार प्रदशंन करना मेरी क्षमताके बाहुरकी बात है । यहु सवंथा उनकी महान्‌ प्रेरणा का ही परिणाम है कि में इस कार्य में उपस्थित विषमताओं को पार कर सका । श्री जी. क्यू. शेख, सी. ए. बड़ौदा, उच्चपदाधिकारीगण, पुरातत्व विभाग, वेस्टने सकिल बड़ौदा, श्री वी. के. पी. नायर तथा पं. श्री करुणा शंकर जी, बाँसवाड़ा, कन्‌.एन. सौनी परिवार पाटण, गुजरात एवं गोवद्ध न विद्या-बिहार खडगदा के श्रधिकारीगशा का प्रत्यक्ष एवं परोक्ष सहयोग मुझे हर कदम पर मिलता रहा है, इसके लिए में उन सबके प्रति हृदय से आभार प्रकट करता हू ।




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