समवाय - सुत्तं | Samvay-suttam
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
326
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चोवत्तरिमो समवाश्रो /चौहत्तरवां समवाय
अग्निभूति की झायु, सीतोदा तथा सीता महानदी, नरकावास । १७२
पष्णतरिमों समवाझो/पचहत्तरवां समवाय
सुविधि के केवली, शीतल-झौर णान्तिनाथ का गृहवास । १७३
छावत्तरिमो समवाश्रो / चिहृत्तरवां समवाय
विद्युत्कुमार आदि भवनपतियों के ब्रावास । १७४
सत्तत्तरिमो समवाश्रो / सतहत्तरवां समवाय
भरत चक्रवर्ती, अंगवंश के राजाश्रों कौ प्रत्रज्या, गर्दतोय तुषित
लोकान्तिकों का परिवार, मृहूत्त-परिमाण । १७५
श्रहुसत्तरिमो समवाग्रो /श्रठत्तरवां समवाय
वैश्मा लोकपाल, स्थविर अ्रकंपित, सुर्य-संचार से दिन रात्रि के
विकास-ह्वास का नियम | १७६
एगुणासीदमो समवाश्रो/ उन्यासिवां समवाय
रत्नप्रभा पृथ्वी से वलयामुख पाताल तथा श्रन्थ पातालों का भ्रन्तर,
छठी पृथ्वी और घनोदधि का भ्रन्तर, जम्वूह्वीप के एक द्वार से दूसरे द्वार
का अन्तर । १७७
श्रसीइइमो समवाश्रो /श्रस्सिवां समवाय
श्रेयांस, त्रिपृष्ठ, भ्रचल की श्रवगाहना, त्रिपृष्ठ वासुदेव करा राजकाल,
म्रप्-वहुल काण्ड की मोटाई, ईशानेन्द्र के सामानिक देव, जम्बूद्वीप में प्रथम
मण्डल में सूर्योदय । १७८
एक्कासोइदमो समवाश्रो / इवयास्तिवां समवाय
भिक्षुप्रतिमा, कुन्धु जिन के मनःपर्यवज्ञानी, व्याख्याग्नज्ञप्ति के
महायुग्मशत । १६६
बासीतिदमो समवाग्रो / वयासिवां समवाय
सूर्य-सचार, महावीर का गर्मापिहरण, महाहिमवन्त एवं रकम पर्वत
के सौगंधिक काण्ड का अन्तर । १८०
तेयासिइइमो समवाभश्रो /तिरासिवां समाय
महावीर का गर्भापहार, शीतल जिन के गण श्रौर गणधर, मंडितयुत्र
का आ्रायुष्य, ऋषम का गृहवासकाल, भरत राजा का गृहस्थकाल । १८१
चउरासिहदमो समवाझो /चौरासिवां समवाय
नरकावास, ऋषभ, भरत, बाहुबली, ब्राह्मी, सुन्दरी, श्रेयांस की आयु,
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