राष्ट्रों के मध्य राजनीति | Politics Among Nations

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Politics Among Nations by हस जे. मारगेनथाउ - Has J. Margenthau

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about हस जे. मारगेनथाउ - Has J. Margenthau

Add Infomation About. Has J. Margenthau

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(च) वरिवरत॑न पर अध्याय बढा दिया गया है गौर सयुक्तराष्ट्र सघ का अध्याय फिर से ঘুবীপ লিলা য়া ই। कुछ सामान्य उमस्याग्रों को सममने और जाँचने के लिये, जो कि जनता के बाद विवाद के विपय हैं मैं विशेष सचेत रहा हैं। उनमे से कुछ महत्त्वपूर्ण ममस्याये ये है--नाभिक्रीय लडाई शी पूणं नाराकारिता को देखते हुए शक्ति सल्तुलन पूर्ण ताभिक्रीय शौर सकुचित युद्ध का झापसी सम्बन्ध, अधिराष्ट्रीय संगठनों की झवश्यवता तथा उनके प्रति मुक्ताव, पहले कै उपनिवेश क्षेत्रो मे नहीत राष्ट्रीयता और राष्ट्रीय राज्य की लुत्वप्रपोगिकता, अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के मिद्धान्त की पर्याप्त्ता । इन नवीन पी दिखती परिस्थितियों भौर समस्यात्रो में मे, जैसा कि इस पुस्तक के प्रथम सस्करगा में इग्रित किया गया था, केवल रणं हसा की लुप्लप्रयोगिकता ही वास्तव में ऐसी है, जिसका पहले कोई उदाहरण नहीं मिलता । और सव तो एम नवीन राजनीतिक अथवा भौद्योगिक वातावरण म त्य कतरत रातीति के तिरस्क सिद्धान्त की प्रश्रियफ्ितियां मगत हैं। दवितीय सस्फरण द प्रक्कियन म লাই बे समन श्रनुभव से शान्ति प्राप्त करते हुए मुक्के उत लेखको के भाग्य पर दु ख प्रकट करना पाह, जिनकी प्रातोचना उन विचारों के लिए हुई जो उन्होंने कभी नहीं अपनाये थे । मैं ग्रव भी इसी प्रकार की धालोचना का विपय बता हुमा हूं । मुमसे श्रवे भी कहा गया है कि में रादु-राज्य पर आ्राबारित प्रन्तर्राष्द्रीय व्यवस्था की प्रधानता मे श्रव भी विश्वास बरता हूँ यद्य॑ति राष्ट्र राज्य की लुस्तप्रयोगिकता एवं इसकी कार्यात्मक स्वभाव वाले अधिराष्ट्रीय संगठनों में मिला देने की भ्रावश्यकता 1948 के प्रथम सस्करण के प्रमुख भ्रशा भे से एक थी। मुभसे प्रव भी कहा जाता है कि मैं सफ्जता को राजनीतिक कार्य का मानदण्ड मानता हूँ ॥ तव भी 1955 तक मैंने राजनीति की इस धारणा का उन्ही युक्तियों से सड़त किया था, जो मेरे विरोध में लगाई जाती हैं। झौर वास्तव में इस पुस्तक मं झौर भ्रन्यत्र इसके विरोध मे प्रचुर द्रमाण होत हुए भी मुझ पर नंतिद समस्या के प्रति उदासीचता का आरोप लगाया जाता) यह संस्करण प्रिमेटन में इल्सटीट्यूट फॉर एडवास स्टडी! में रहने पर विसा गया घा। में कृतहूता बे साथ श्रीमती मेरियन जो हाट'ज গীত कुमारी जोन परोमहेन कौ योग्यनपू्ं सहायता को स्वीकार करता हे । क्मेटरी' व 'कान्फ्सूदैन्स” में पहले प्रदाशित सामग्री का उपयोग मरते बी भतुमति देने के लिए भी इतज हूं पफ्िसटत व्यू जरमी हस जे» मारगेनयाउ




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now