उद्योग - व्यापार पत्रिका | Udhog - Vyapar Patrika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
324
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२६४
न्यासालैंड (क) 2 ष्ठ ३६ २३
उनरौ रोडेशिया (क) জর २ ११ १०
ন্দুলনাত ভে) २ ५ ५
च्म्टरेलिया (क) ही ६ ५ लं
रागानीसा 23 १५ भ
युगान्डा ३ ५ ५४
साइप्रस পন সু २
अन्य देश
अमेरिका ११३८६ २,३३२ २,२५५
चोन (ख) হলই ২০:০০ ২০
ब्राजील कह २०१ रछ६० হই
इन्डोनेशिया (ग) ১০০ ६०
इन्डोनेशिया (ध) . १४६ १२६ ११६१
पान (च) *** ইল २११ २११
तुं (क) प १२७ १८१ ण्ण्ट
इय्ली ६५ १७५ १६१
आस्र (च) ७2 १२० १०६
युनान (च) ५ १०६ १३८ ६१
चरमा ६६ १११ १११
मेक्सिको | क ५२ = ७६
चलगारिया ड টুর ১০০ ५७ ইটা উউ
क्वा ०४ स ~ ५५ ७६ ७५
हगयी श তন *০৯ ४ তু
अज॑म्टाइना (क) -«« १७ त ওই
बोरिया (छ) .. নি ৮৮ পু [ द
अलबीरिया. ««»- बन 2 > ४७ ४७
डुमीनिक्न गणतन्त्र তি ৪০০ ३९ ४० ४०
फिलीपाइन টি ८६ ६६ ५६
জননী (ग) ७३ ५६ ५९१
यूगोस्लाबिया ध (= ३५ ६१ ३३
কলানিষা 1 ५ २६ ट হু
स्पेन क्र রি নু - হু ও
पोर्र्कि (क) „~ न তত ४४ ३६ सट
ब्रेलबियम পন १२ 4१ ११
योग १, ३८६ ६,७३० ६,६००
(क) वर्ष में फसल के अन्त तक का
(ख) १६३७ ३६, केवल स्वतन्त्र चीन क
(ग) वर्गीर्चो का उत्पादन
उद्योग-व्यापार पत्रिका अक्तूबर १६५९
(घ) जावा और मदुरा के छोटे उत्पादों का उत्पादन
(च) सख्य जापान का
ভে) युद्धोतर, केवल दक्तिणो ओरिया का
(ज) युद्धोत्तर, केवल पश्चिमी जमनी का
(क) अचमानित
(2) योग में सम्मिलित अनुमान
तम्बाकू का प्रति एकड़ उत्पादन मूमि कौ कस्मि और अन्य स्थानोग
अवस्थाओ के अनुसार मिन्न मिन्न रहता है | उत्पादन का सवसे अधि
औसत पर्चिमो यूरोप के कुछ देशों में २,००० पौन्ड प्रति एक्ड तक रहा
है। यहाँ की खेती अत्यन्त गहन होती है । उत्तरी अमेरिका में गत १५६
वो में खेती की प्रणाली मैं सुघार हों जाने से उत्पादन का औसत प्रति
एक्ड वटकर १,३०० पड तक द्वो गया है। निरि मध्य श्रीका
डत्यादन कम द्वोता है। दक्षिणी रोटेशियामे युद्धके श्रन्त समय युद्ध से पहले
की अपेक्षा अधिक उत्पादन हो रहा था | वाद को वह और भी बट गया।
१६५० से वह घटने लगा और 3०० पड प्रति एक्ड तक वा लक्ष्य मी
पूरा नहीं हुआ है । न्यासालैस्ड में अफ्रोकी लोग বচন पैदा করে ই।
उनके उत्पादन का औसत बहुत कम रहता है ।
एशिया में उत्पादन का सबसे भ्रधिक औसत जापान में हैं जो
कव्परडा के बराबर हैं ! भारत का शौसत दृछ्िएी रोडेशिया के बराबर है!
जिन देशे मे विशाल परिमाण पर रासायनिक खाद का प्रयोग आरंम्म
नहीं हुआ है वहाँ उपज का औसत कम हैं और न उसके बढ़ने के
लक्षण ही दिखाई देते हे ।
अमेरिका का निर्यात धटा
বাহু के कुल उत्पादन के थाव पचमाश छा हो विश्त्र व्यापार होता
है। अमेरिका, मास्त, चोन ओए रूस आदि विशाल उत्पादक देशों मे उपजने
बाली अधिकाश तम्बाकू वहा खर जाता हैं। निमित तम्प्र के कुल
निर्यात में १६४६ से कोइ बडा परिवर्तन नहीं हुआ है । १६४१ मे कुल
निर्यात प्राय १२,००० लाख पौंड का हुआ जो युद्ध से पूर्व की अपेक्षा
योदय ही अधिक था | १६५२ में अमेरिका का निर्यात तेजी से घटने के
कारण सार के निर्यात व्यापार मैं कमो हो गई | अक्ले अमेरिझया से ही
सखारं का ४० प्रतिशत निर्यात होता दै ।
अनिर्मित तम्बादू के लिये अमेरिका अरब विदेशों पर कम निर्भर रहता
है। अमेरिछा का तम्बाकू उद्योग अपने यहाँ उपजने वाली तम्त्रावू का ही
अधिकाधिक प्रयोग कर रहा है । १६५२-५३ में अमेरिका की केवल ५४
अतिशत उपज द्वी विदेशा को भेजी गइ, जबकि गत मौसम में र प्रतिशत
और १६३८-३६ में ३७ प्रतिशत मेजा गई यी। १६४१ में निर्यात फिर
बट गया। १६४२ में यह फिए कुछ घटा |
युद्ध के बाद तम्बाबू दा निर्यात करने वालो में तुर्वी का दूसरा स्थान
है । इसका एक कारण यह मी है कि दुल॑भ मुद्रा क्षेत्र के देशों से मात
मिलने में कठिनाई होने के कारण यदीसे बहुत अधिक तम्त्राड़ू खरीदी गई।
२६४६ मे तो तुद्धी से ठम्बाकू का निर्यात चरम सौमा ओ जा पहुँचा!
१६५९ में यह घट गया और १६४७२ मे भी प्राय १६५१ के बराबर ही
बना रहा । अमेरिका को जाने वाले माल मैं कमी हो गई । परन्तु यह व्मी
जमनो और पूर्वी यूग्ेप ढो होने वाले निर्यात में वृद्धि हो जाने से बहुत कु
पूरी हो यई | यूनान का निर्याद मी १६५२ मैं तेजी से वडा | यहाँ से बहुत
अधिक माल जर्मनी को भेजा गया।
दक्षिणी अमेरिका में ब्राजील का तम्बादू उत्पादन बट जाने অহী
User Reviews
No Reviews | Add Yours...