मीमांसा दर्शन | Miimaansaa Darshan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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महाराजा संस्कृत कालेज, जयपुर के अश्रध्यक्ष तथा , राजस्थान संस्कृत-शिक्षणाल्रयों फे | प्रधान-निरीक्षक आचाय॑ श्री माघव-कृष्ण शर्मा एम० श्रो० एल० की सम्मति राजस्थान के सर्वप्रथम मीमांसाचाय श्री मंडन मिश्र शास्त्री द्वारा लिखित मीमांसा-दशेन का मैने श्रवलोकम किया | यह ग्रन्थ गम्भीर अनुसन्धानपूर्ण व समालोचनात्मक अध्ययन एवं परिश्रम के साथ मीमांसा के भारत-विख्यात विद्वान आचाय श्री पद्ामिराम शास्त्री के तत्वावधान में प्रस्तुत किया गया है--इसी से इसकी प्रामाशिकता स्पष्ट है। इसके लिखते समय भी श्री मिश्र ने मुझ से इस विषय में सम्पर्क रखा है। इस दशेन पर हिन्दी में यह पहला प्रयास है। संरकृत व दर्शन की एम० ए.० आदि उच्च परीक्षाश्रों में जहाँ यह विषय निर्धारित रहता था, इस प्रकार के अन्थ का जो अभाव प्रतीत होता था-मेरा विश्वास है कि वह इससे दूर हो जायगा तथा इस विषय के जिज्ञासुओं को मीमांसा का सामान्य परिचय इससे मिल सकेगा। में भारतीय विश्वविद्यालयों एवं उच्च पुस्तकालयों में इस ग्रन्थ का प्रचार चाहता हूँ। माधवकृष्ण शर्मा




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