ग्रामीण नियोजन में स्थानीय संस्थाओं की भूमिका | graameen niyojan mein sthaaneey sansthaon kee bhoomika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
17
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कक 15 ~
यह ती स्पष्ट ही है कि तभी यौजनार्थँ क्ती स्तर पर तैवार
नहीं फी जा पैकती है । ভু योजनायें ऐेती भी है जो विक्षत कड
জিলা एवं प्रादेशिक स्तर पर तैयार करने में अधिक सृथिधा रहेगी |
ठेसौ योजनायै जौ क्त्री स्तर घा अन्य स्तरों पर तैयार की जानी
चाहिए उनकौ इस प्रकार विभाजित जिता जा च्कता है ~
শাদীতা स्तरीय योजनापें
111. कृषि स्वं कृणि सम्वन्धी `
121 सहकारिता जे सम्बन्धी |
151 लू सिंचाड़ें तम्पन्धी
[৮1 लघ एवं गह उद्यौग सम्वन्धी
151 शिक्षा तमान्धी 1इन्दरमीडिएट तक;
161 स्वास्थ्य सम्वन्धी
17 पेय ज्ल एवं जल निकास सम्बन्धी
181 आवासीय एवं ग्राम्मेणा विरा सम्बन्धी
191 ग्रामीण तहूके सम्वन्धी
10 मत्य पालन सम्बन्धौ
1111 पश्मूपालन तम्वन्धी
11248 अन्य ग्रामीण শিকাত जम्बन्धी तुथिधारें ।
[दिपषिक स्तरीय धोजनायों
11६ নিতু
121 .. बूहत एवं मध्यम विवादं योजनायै
134 . वहत उद्योग
1५1 यातायात एतं तरार
5६. अन्य |
User Reviews
No Reviews | Add Yours...