हिंदी रहस्य | Hindi Rahasya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.28 MB
कुल पष्ठ :
48
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हिन्दी-रहस्य (१७)
के निबस्थ निरय
निबन्घ--किसी व्यक्ति; वस्तु भ्रथवा घटना के बारे में श्रपने विचारों
को लिखना निवन्ध कहलाता है । तीन चातें याद रखिए ।
(१) निबन्व की सूल वस्तु क्या है, (२) निबन्ध की दौली कंसी होनी
चाहिए, (३) चिवन्ध में भाकपेंरा कंसे पंदा किया जाने 1
मुल वस्तु--जिस विषय पर निवन्ध लिखा जाय वही सूल वस्तु है ।
शैली--शैली प्रत्येक लेखक की भिन्न होती है । तब भी इन बातों
का सबको ध्यान रखना चाहिए कि, (१) भाषा सरल हो; (९) कम से
कम शब्दों में श्रघिक से अधिक भाव भरे जायें, (३) प्रवाह ठीक रहे
भ्र्थादु एक विपय के वाद दूसरा विचार; इस प्रकार से आधे कि दोनों
का सम्बन्ध न टूटने पाये । निवन्ध दो प्रकार के होते हैं :---
वस्तुओं को हम प्रत्यक्ष देखते हैं उन पर
लिखा हुआ निवन्घ वर्ात्मिक निवन्ध कहलाता है ।
२-विचारार्सक--मनुष्य के हितकर विपयों के सम्बन्ध में लिखा
हुआ निवंध विचा रात्मक निवंघ कहलाता है । निबंध के तीन भाग होते हैं ।
(९१) प्रस्ताचना--प्रभावशाली दब्दों के साथ सूल विषय को श्रारम्भ
करना, प्रस्तावना कहलाता है । (९) मूल विषय---यह निवंध का प्राण
है । इसे खुब दिल खोलकर लिखिये । अन्त--प्रस्तावना की भांति भौर
प्रभावशाली शब्दों में निवन्ध का अंत करिये ।
निवन्घ लिखने से पहले उसके शीर्षक बना लीजिये । जेसे-हमें देश
सेवा पर निवन्घ लिखना है तो नीचे लिखे शीप॑क वने:--
(१) देश सेवा क्या है, (२) अपने देश के प्रति प्रेम, (३) सच्ची देश
सेवा श्रौर ऋूठी देवा सेवा, (४) स्वदेश प्रेमी देशों के उदाहरण, (४)
भविष्य का चिंतन, (६) अंत ।
रेल पर निवध लिखने के लिये शीपंक-यह वने--(१) रेलगाड़ी
क्या है; (२) कंसे श्रौर किसने बनाई, (३) स्टेशन का हृष्य, (४) चलती
गाड़ी को हृदय, (५) लाभ तथा हानि (६) अंत 1
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