विश्व की महान महिलाएं | Vishva Ki Mahan Mahilaye

Book Image : विश्व की महान महिलाएं  - Vishva Ki Mahan Mahilaye

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शचीरानी गुर्टू - Shachirani Gurtu

Add Infomation AboutShachirani Gurtu

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
६ ` विश्व की महान्‌ मदिर वे निरंतर बापू के तपःपूत निवल प्राणो से प्रेम की वषा करकं अनिन्द्‌- रस छलकाया करती थीं | एक आदर्श भारतीय-नारी की भाँति उन्होंने ेु पते जीवन का समस्त सुख, आनन्द, आकाक्षाएं, इच्छाएं, बासनाएँ पति के चरणों में ही अर्पित कर दी थीं | उनका सबसे बड़ा विशिष्ट गुण यह था कि चाहे इच्छा हो या अनिच्छा, सुख हो या दःख, हित हो या अहित; जो कुछ भी बापू कहते या करते थे उसी का अक्षरशः पालन करने में वे अपने जीवन की परम साथकता सममती थीं । सन्‌ १८६६ मे वा का जन्म काठियाचाड़ में स्थित पोरबन्दर नगर सें हमा था 1 उनके पिता गोङ्कलदास सकन जी एक प्रसिद्ध व्यापारी ये चौर माता क्रा नाम त्रजकुँवरि था। दोनों ही कट्टर वैष्णशय और धामिक विचारों के थे । यही कारण है कि माता-पिता के शुभ संकल्प, सदृ गुण ओौर आचार-विचार की अमिट छाप वा पर पड़ी थी। वा का विवाह १३ वर्ष की आयु में ही गाँधी जी से हो गया था। चैवाहिक-जीवन में प्रवेश करते ही उन्होने पति-तेवा का त्रत ले लिया था और यद्यपि वे एक हृढ़-प्तिज्ञ, सत्यनिष्ठ, कर्मठ पुरुष की सह- धर्मिणी थीं, तथापि उनका अपना व्यक्तित्व इतना महान और गरिमासय था कि बापू का एकपत्नी-अत सदेव अक्षुएण रहा। वा के अपूर्न प्रेम, साहचय्ये, सेवा और मधुर सहयोग से वापू के तपस्वी जीवन में कभी शुप्क्ता और नीरसता आने ही नहीं पाई ) बापू प्रारंभ में बहुत ही ज़िद्दी और वा के प्रति कुछ कठोर थे। थे उनके पातित्रत्य पालन पर बहुत जीर देते ये, यहं तक करि एक दिन अपने सन के विरुद्ध काय करने पर वे बा को अपने घर . से मिकालने तक को तेयार हो गय्ने थे। अपनी आत्मकथा सें वापू एक स्थल पर लिखते है अपने अत्याचारों ओर कठोर नियमों से जो दःख मैंने . अपना पत्ता का दिया है, उसके लिये अपने आपको कभी क्षमा नहीं £ सकता ।? विवाह के कई वर्ष बाद तक बापू की शिक्षा जारी रही र उन्हे वंस्टरी पास करने के लिये विलायत भी जाना पड़ा ) वा ने फ सनम क्माया क्रिसा प्रकार को अड्चन नरह डाली ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now