प्रातः स्मरण सूक्तम | Pratah Smaran Suktam
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
448 KB
कुल पष्ठ :
26
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १७)
यत्यावती स्वत्तिनां सह भोवतुकामा'
प्रीयया सहखहरिनामलसर्स जपाप ॥ ४ ॥
प्रातः श्रये श्रुतियुंतां रघूनाथमू्ति
नीलाम्जुदोपलसितेतररतनीलोप । आए
मुक्तमोक्तिकविशेषविभूषणादचा ष्येयौ स.
मस्तमुनिमिजनसुक्तिेतुम् ॥५॥य: श्छोक-
पञ्चकमिद प्रयतः पठेद्धि नित्य॑ं प्रभात
समये पुरुषः प्रचुद्ध: । श्रीरामकिंकरजनेषु
स एव सुख्यो भूला प्रयाति हरिलोकमंन- '
न्यलभ्यस् ॥६॥ |
मा० दी° = मै प्रातःकाल्ुकृत नायक श्री रामचद
कै मुखारविन्दको स्मरण करता हूं, जिप्त मुखपर मंद २ मुस-
कान विलास रे है, भौर जिससे ( मधुरमाषि ) मीठी२ '
बातें निकतरही हैं, भर जिनका भाव विशाल है, जिनके दोः
नों कानोंके चजचल कुरठलोंसे दोनोंकपोल शोभायमान होरहे
: हैं, भर जिनका विशालनेत्र कानोंके গন্ধ पहुंचाहुआ भक्त
जमेके नेबको सुख देरहा है॥ १॥मैं प्रातःकाल श्री खुनाथनीके
, करकमलोंको भनता हूं, जो राज्षप्तोंको भय भौर अपने भक्तोंको
User Reviews
No Reviews | Add Yours...