सम्पूर्ण गांधी वांग्मय - भाग 10 | Sampurna Gandhi Vaadmay Vol-10
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
650
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पाठकोंको सुचना
विभिन्न अधिकारियोंको लिखे गये प्रार्थनापत्र और निवेदन, अखबारोंको- भेजे गये
पत्र और सभाओंमे स्वीकृत प्रस्ताव, जो इस खण्डमे सम्मिलित किये गये हैं उनको
गांघीजीका लिखा भाननेके कारण वे ही है जिनका हवाला खण्ड १ की भूमिकामे दिया
जा चुका है। जहाँ किसी लेखको सम्मिलित करनेके विशेष कारण है, वहाँ वे पाद-
टिप्पणीमे बता दिये गये है। 'इन्डियन ओपिनियन ' मे प्रकाशित गांधीजीके वे लेख,
जो लेखकका नाम दिये बिना छापे गये है, उनके आत्मकथा सम्बधी लेखोकी सामान्य
साक्षी, उनके सहयोगी श्री छगनलाल गांधी और श्री एच० एस० एल० पोलककी सम्मति
तथा अन्य उपलन्व प्रमाणके आघारपर पहचाने गये है ।
अग्रेजीसे गौर गुजरातीसे अनुवाद करनेमे अनुवादको मूलके समीप रखनेका पूरा
प्रयत्न किया गया है किन्तु साथ हीं अनुवादकी भाषा सुपाठय बनानेका भी पूरा ध्यान
रखा गया है। अनुवाद छापेकी स्पष्ट भूले सुधारनेके बाद किया गया है और मूलमे
प्रयुक्त शब्दोके संक्षिप्त-हूप यथासम्भव पूरे करके दिये गये है। यह ध्यान रखा गया है कि
तामोंको सामान्यतः जैसा बोला जाता है वैसा ही लिखा जाये। जिन नामोंके उच्चारण
सन्दिग्ध है उनको वैसा ही लिखा गया है, जैसा ग्रांधीजीने अपने गुजराती लेखोंमें
लिखा है।
मूल सामग्रीके बीचमे चौकोर कोष्ठकोंमें दी गई सामग्री सम्पादकीय है। गांघीजीने
किसी लेख, भाषण, वक्तव्य आदिका जो আহা मूक रूपमे उद्धृत किया है, वह हाशिया
छोड़कर गहरी स्याहीमे छापा गया है, छेकिन यदि ऐसा कोई अंश उन्होंने अनूदित
करके दिया है तो उसका हिन्दी अनुवाद हाशिया छोड़कर साधारण टाइपमें छापा गया
है। भाषणोंकी परोक्ष रिपोर्ट, न््यायालूयोंकी कार्यवाहियाँ तथा वे शब्द, जो गांधीजीके
कहे हुए नहीं है, बिना हाश्िया छोड़े गहरी स्याहीमे छापे गये है।
शीर्षककी लेखन-तिंथि जहाँ उपलब्ध है वहाँ दाये कोनेमे ऊपर दे दी गई है;
परन्तु जहाँ वह उपलब्ध नहीं है वहाँ उसकी पूर्ति अनुमानसे चौकोर कोष्ठकोंमें की
गई है और जहाँ आवश्यक हुआ है उसका कारण स्पष्ट कर विया गया है। शीषंकके
अच्तमे सूत्रके साथ दी गईं तिथि प्रकाशनकी है।
“सत्यना प्रयोगो अथवा आत्मकथा” और “दक्षिण आफ्रिकाना सत्याग्रहनो
इतिहास ' के अनेक संस्करण होनेसे उनकी पृष्ठ संख्याएँ विभिन्त है; इसलिए हवाला
देनेमे केवर उनके भाग और अध्यायका ही उल्लेख किया गया है।
साधन-सूत्रोंमे एस० एन० संकेत साबरमती संग्रहालय, अहमदाबादमे उपलब्ध
सामग्रीका, जी० एन० गांघी' स्मारक निधि और संग्रहालय, नई दिल्लीमें उपलब्ध
कागज-पत्रोका और सी० डबल्यू०, क्लेक्टेड वक््से ऑफ महात्मा गांधी ( सम्पूणं गाधी
वाइमय ) द्वारा संगृहीत पत्रोंका सूचक है।
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