आदर्श रतन माला (स्त्री ज्ञान दर्पण) | Adarsh Ratna Mala (stree Gyan Darpan )
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
38
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)'पता-बावू जसवन्त्सिद्द वुफसेल्र-अलीगढ़ १५
২০০০০ + ३५ काका अमन गरफाकरभ+० ०.
ऐसेहु पतिफर कर अपमाना । नारि पाय यमपुर ुखनाना ॥
पद धम्मं प्टक वृत्त नेमा। काय वचन मन पति पदश्रेमा॥
पश्चात अनसूया कहती हैं. कि दै खीता जगत मे चारः
प्रचार कती पतिन्त द होती है चह में तुमको चताती हूँ कि
जिसको खुनफर तुम्दे कुछ छान ही । ५
चार अकार की छिंयों के लक्षण
दोहा ।
चारि तरद पी पतित्रता | जय में पड़े लखाय।
उत्तम मध्यम नीस लघु सकल कह समभझाय ॥
उत्तम के श्रसचस मन भांदीं । सपनेद आनि पुरुष जगमादी॥
मध्यम पर पति देखदिं कैसे | भ्राता पिता पुत्र निज जैसे ॥
धर्माविचार समुझि कुल रहदीं।लो निकष्ट तिय श्रुत अस कहीं
बिल अवसर भयते रद जोई । जाने श्रधम न।रि जग लो ॥
पति बंचक पर पति रति करई। रोख नरक करप शत परई ॥
श्ण सुख लागि जन्प्रशतकौयी | इुःखनसमभैतेदिसमकोलौरी॥
নিন नारि परम गति लदई । पतिब्रत धर्म छांढ़िछुलग हट्दे॥
पति प्रतिकृद जन्म ज जाई। विधवा होय पाय तस्णाई ॥
बातों |
प्यासी मदलाश्रो च बहिनो ? आप उपरोक्त ऋषि पत्ति के
वक्यं को उर मंन रल कर दथा ही इधर उधर ईंट पत्थर
अत मसान इत्यादि पूजती ऑर कृ पर चर चढ़ाती और
सिर भकाती फिस्ती दोव बनाचवटीघत जैसे भैयादौज करा
चौथ, शिव देरख इत्यादि रद का भू्खो मरती हो, कहां तक
कहा जाय यदां तक देखा गया हे लि शिक पने पतितत पेल
2 कडार भपप कर्ती हैँ कि जिनको खुच कर यदी कना
पड़ता है कि है शविद्या देवी चने हमारे भारत च्र्षकी सूव হী
नाथ नचाया दें शोक £ হি ঘন্বীনান समय की खयां पति
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