महाभारत भाषा [आदिपर्व ] | Mahabharat Bhasha [Aadiparva]
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
178
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)জে |
` कोण्व छोर पडे में बात्यकाल से हो मग रस्ते
लग दुर्येत्नित पांडियों से सदेव विरोध ही रखने लगा उसके भाई |
दुःशामतर आदि भी उन पांचों से मतमुटाव रखते थे । इधर |
एक सो एफ और उप्र पांव भाई थे, परन्तु उन पांचों के |
तेजी स्वरूप को देख २ कर् कौश्व स्म जाते थे ओर
पढ़ते लिखने तथा अख्र विद्या में भी ये मब् उन দাদী ङा
मुछाबता नहीं कर सकते थे हम कारण कोबों को उतसे सदेव |
लज्जित होना पड़ता था। भीम वाद्य छाल से ही बड़े बलवान
थे बोर कमो २ खेत कर में कौखों के झड़ पर उन्हें पीट.
दिया करते थे इस का एु दे जिते से ही मेने भी को शत्रु
অনন্ধ लगा था परतु भीम के सम्युष उप्का वश ने.
चत्ता था । बात्यक्राल से हीं दुर्येवन झपने आप দানা
भाइयों का बे हो गया था। | এ
पांडे ने अपने सदावार, गुरुजनो' के मात ओर विद्या :
लाम करने में पूर्ण प्रथत्त दिल्लाशर सब का मन मोह लिया।
परहात्मा विदर मैढाबाहु भीष्म आदि उन्हें बड़ा ही प्यार करने
ओर आश्बार देने लगे जिसे देखकर दुर्योधन कुढ़ने लगे। |
| एफ समय गंगा के किनारे जाकर बनकी शोभा देखने ओर
| जल कीड़ा करते के बहाने दुर्योधन सब भाईयों के साथ |
| एडो कोमोनेगया, वेशं जाकर खूब खेल-कऋर प्रवी ह्वी |.
खेव-कूर में दुर्पोन ने भीम को सदेव के लिये मरिद्य देने का
उपाय किया अर्थात् उसने विष मिलाकर भीम के लिये
मिठाईयां तेयार कराई ओर जब्र खेत समाप्त हुआ तौ सव |
`, | खाने के लिए बेठे। 1 আছ 72৩
।
का~ ------
&
User Reviews
No Reviews | Add Yours...