तिर रही वन की गंध | Tir Rahi Van Ki Gandh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
224
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तिग रही वन की गध
कस गई गफ
गध का गजरा
उठा लो
ठढ मे, आओ यहा
कितनी, न जाने, लताओ की
छन रही झीनी
महक
रस-बोझ गहराई
गठी, कस गई गफ
बाँधे हवा के
बध
User Reviews
No Reviews | Add Yours...