पैतीस बोल का थोकडा | Patish Bol ka thokda

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Patish Bol ka thokda  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पतीस শীত का थौकडा। | & चउरिन्द्रिय एक मुद्ठते में उत्कृष्ट ४७० भव करते हैं असन्नी पंचेन्द्रिय एक सूहते में उत्कृष्ट २४ भव करते हे । सन्नी पचेन्द्रिय एक मूटतं मे उत्करष्ट १ भव करत ईं । छ काय का विशेष स्वरूप इन्द थावरकाय १ बेस थावरकाय २ सिप्पी थावरकाय ३ सुमति थावरकाय ४ पयावच्च थाचर- काय ५ जगमकाय ९ | १ ই पृथ्वीकाय का इन्द्रदेवता मालिक है इसलिये इसको इन्द्रथावरकाय कहते हैं । अपकाय का ब्रह्म देवता मांलिक है इसलिये इसके बरस थावरकाय कहते हैं. . . तेडकाय का शिल्पी नामक देवता मालिक है इसलिये इसको सिप्पी थावरकाय कहते हैं । ধর ४ चायुकाय का खुखति नामक देवतां मालिकः दै इसलिये इसको सुमति थावरकाय कहते हैं । चनस्पतिकाय का प्रजापति मालिक दै इसलिये इसको पयावच धावरकाय कते दे ।




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