राजस्थान रजिस्ट्रीकरण कानून | Registration Law In Rajasthan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
360
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उदंशिका | भारतीय रजिस्ट्रीकरणा भधिनियम/3
है कि प्रधिनियम वी उद्दे शिका में नीति सम्बन्धी विषय समाविष्ट होता है ।' उ्द शिका को उस समय
भी ध्यान में रखा जाना चाहिए जहा भषिनियम बे उद्दं श्यो का पता लगाना हो । उद्दे शिका स्धिनियम
के उपबधो को समभने के लिए महत्वर्ण कु जो है 1? जहा भधितियम मे प्रयुक्त भाषा से ऐसा प्रतीत
होता हौ कि अधिनियम के उपवन सामान्य है लेकिन उदू शिका से ऐसा प्रतीत होता हो कि भ्रधितियम
किन्ही विशेष परिस्यितियो के लिए पारित किया गया है तो उस स्थिति में भी उद्दं शिक्षा को ध्यान भे
रखा जाना चाहिए !* जहा उपवन्धों के एक से प्रधिक श्रयं नि्रलते हो वहां उद शिका की सहायता
ली जानी चाहिए | लेविन जब प्रधितियम मे प्रयुक्त मापा स्पष्ट हो तथा जब भधिनियम के उ्द श्य एव
प्रसार के बारे मे कौई शका उत्पन्न हो तो उद्दे थि पे उषबन्य प्रभावित नही होति ।* नव उद् शिका तथा
किसी विशेष उपदस्ध के मध्य विरोधाभास हो तो उम्र स्थिति मे भी उद्दंशिका को ध्यान में नहीं रखा
जाएगा ।6 इसव। कारशा यह् है क उद्दोशिका भ्रधिनियम का भविभाज्य प्रग नही होती इसलिए वह
झधितियम के प्रसार को न तो सबुचित बर सवती है झौर न उसे विध्तुत कर सकती ই । অহা সগি-
नियम पे प्रयुक्त शब्द एवं प्रमिव्यक्तिया स्पष्ट एव भ्रसदिग्धार्थी हैं ता उस स्थिति में भी उद्देशिका से
कोई सहायता नही तेन चाहिए 1” उदं शिक! का प्रयोग प्रधिनियम वे दिसी उपबन्ध को निष्प्रमावी
करने के लिए भी नही किया जाना चाहिए ।३ उपयुक्त विवेचन से स्पष्ट है कि उ्दे शिका से कोई सहायता
उसी समय प्राप्त की जा सकती है जब भधिनियम वा कोई उपबन्ध झथवा उससे प्रयुक्त कोई शब्द या
भ्रभिध्यक्तित प्रस्पष्ट प्रथवा सदिग्धार्वी हो ।
(घ) उद्यो एव कारणो का विवरण उद्दंश्यों एंव कारणों का विवरण भी किसी भ्रधिनियम
विशेष का कोई झ्रविभाज्य भ्रग नहीं होता । इस विवरण से मात्र यह पता चलता है कि विधान मण्डल
में विधेयक को पुर स्थापित करने में विधेयक के प्रस्तुत करने वाले का उद्दँ श्य क्या या तथा वह कौनसी
भरुटि से रिष्टि उसके मस्तिष्य भे थो जिसका उपचार करने के लिए विधेयक की पुर स्थापना बी गई
भी । इन बातो को देने के लिए इस प्रकार के विवरण की ध्यान मे रखा जा सकता है ।१ सामान्यतः
सिद्धान्त यह है कि उपबन्धों बा निवचत करते समय इस प्रकार के विवरण फो घ्यात में मही रसा
जाना चाहिए ।?० इस नियम के दो कारण हैं। यह निष्फर्ष नहीं निकाला जा सकता कि विधेयक प्रस्तुत
करने व ले का उर्दू श्य विधेमक वे प्रस्तुत वरने वे समय से उसके पारित होने तक झपरिवतित धरत एष सा
रहा हो । दूसरा कारण यह कि यह भी नहीं माना जा सकता वि विधेयक प्रस्तुत करने वाले का उद्य
1.
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अरििनी रुमार শীল वनाम অহা
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10.
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