टार्जन | Tarjan

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Tarjan by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ओल्गा, में इस तकजीफ को ओर अधिक अब नहीं सह्‌* सकता-- . नहीं, तुम्दारे लिये भो में ऐसा नहीं कर सकता । कभी न कभी मैं जरूर उसे पुलिस के हाथ में सॉप दूंगा । कभी न, कभी स्यो, मेश विचार है कि आज हो कप्तान से सब हाल कह दूं। फ्रांसीसी जहाज पर उसे हमेशा के लिये तै करवा देना सहज बात है ।! काउन्टेस चीख मार कर डी. कूड क सामने घटने के बल बैठ गई' ओर बोलीं, “नहीं, नहीं, राउल, ऐसा न करना । तुम जो वाद मुझसे कर चुके हो, उसे याद करे। मुझे विश्वास दिला दो कि तुम कभी उसकी खबर दूसरों को न दोगे, कभी उसे धमकाओगे भी नदीं [9 डी. कूड ने अपने दोनों हाथों में अपनी स्त्री के हाथ पकड़ कर गोर से उसके घबड़ाये ओर पीले हो गये हुये चेहरे की तरफ देखा, जैसे वे उन सुन्दर आंखों के द्वारा उसके दिल का सारा भेद खींच कर यह ज्ञान लेना चाहते हों कि यह्‌ उस आदमी का बचाव बरावर क्यों किया करती है! फिर बोले, खेर बैसा ही सद ञेखा तुम कहती हो, ओल्गा ! मेरे समझ में नहीं झाता कि तुम्दागे मतलब क्या है, क्यों तुभ उसका पक्त करती हो । तुम्हारे प्रेम, तुम्डागै चफा- दारी, तुम्डरे शद्रः इनमे से शव किसी पर भी उसका दावा रह्‌ नहीं गया है। बह बुम्दारे जोबन ओर तुम्हारी इज्जत के लिये खतर- नाक है, तुम्हारे पति की इज्जत ओर जिन्दगी के लिये भी वह , भयानक है। तुम उसका पत्त ले रही हो, ईश्वर को तुम्हें कमी इसके लिये पलताना न पड़े |! $




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