मध्य एशिया के खरोष्ठी अमिलेखों में जीवन, समाज, और धर्म | Madhya Asia Ke Kharoshti Amilekhon Mein Jeevan, Samaj Aur Dharm
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17 MB
कुल पष्ठ :
167
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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प्रदेश मरस्थल थे। इन प्रदेशों का ऐतिहासिक महत्त्व यहां से
प्राप्त खरोष्ठी, त्राह्मी, तिब्बती और चीनी लेखों, प्राचीन-अवश्ेषों
तथा खंडहरों से ज्ञात होता है ।* छोब-नोर खोतान के उत्तर
पूरब और छाउ-छान के दक्षिण पूरब के सिरे पर स्थित है।
चीन और मध्य एशिया के सब से प्राचीन मार्ग पर स्थित यह
प्रदेश तुन-हुआंग, और खोतान, नीया आदि पश्चिमी प्रदेशों के
यातायात का लघुतम मार्ग है। तारिम नदी के कारण यह
प्रदेश अन्य प्रदेशों की अपेज्ञा अधिकु हरा भरा था ।
उत्तरी प्रदेशों में कूची, अग्निदेश ओर तुरफान क्रमशः
काशगर के उत्तर-पूरब में हैं।
कुछ विद्वानों ने चीनी तुकिस्तान का भारोपीय मरुउपचन!
(1940-777०.७७॥ 0988) नाम रखा है, क्योंकि इन प्रदेशों
की १०वीं शताब्दी तक की सभ्यता का सूछ स्थान भारत ओर
ईरान था । स्टाइन ने मध्यएशिया अभियान के पश्चात्
इसका सेरिन्डिया नाम देना अधिक उत्तम समका। उन्होने
वहां भारत और चीन की सभ्यता का संगम पाया ओर यही
कारण था कि उन्हें सेरिन्डिया नाम अधिक उपयुक्त जंचा* |
प्राचीन पाश्चात्य साहित्य में चीन को “सेरेस (3198)
कहा गया है।
प्राचीन सभ्यता ओर संस्कृति के इतिहास में मध्यएशिया
१चीनी तुकिस्ताम के प्राचीन प्रदेशों की खुदाई में पुरातत्त्ववेत्ताओं
को अमूल्य निधि प्राक हु है! खोतान के इतिहास, सभ्यता ओर `
संसृति के विशद विवरण ॐ खयि देखिए, ए. स्गन्, एचचि्॑ंटः
खोतान, भाग १ और भाग ।
२--पी° सी बागची, इन्ड्या एन्ड सेन्ट्रल एशिया, पृष्ठ १३-१४
३--षु, स्याद्न, सेरिन्डिया, भाम १, श्र £
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