अंडमान एवं निकोबार द्वीपों के जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक दशाएँ | Socio Economic Conditions Of Tribal Communities Of Andaman And Nicobar Islands
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39.75 MB
कुल पष्ठ :
303
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हूँ. संकल्पनात्मक पृष्ठभूमि प्रस्तावना विश्व के वर्तमान सामाजिक-आर्थिक विकास परिदृश्य को देखने से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि आधुनिक मानव समाज प्रजातीय सास्कृतिक एव भाषाई आधार पर समरूपता की ओर अग्रसर हो रहा है। तीव्र निदर्शन परिवर्तन वैज्ञानिक-तकनीकी विकास विकासोन्मुख औधौगीकरण एव उदारीकरण-वैश्वीकरण के प्रभाव से अर्नर्तराष्ट्रीय स्तर पर लगभग मानव जीवन के सभी क्षेत्रो मे मुक्त अन्तरमिश्रण हो रहा है। जिससे विश्व के अनेक सस्कृतियो का भी तीव्रता के साथ परिवर्तन सशोधन क्षरण एव विनाश हो रहा है। हसनैन के अनुसार वर्तमान सभ्यता के तीव्रगति के कारण प्राचीनतम मानव सस्कितियाँ या तो मरती जा रही है अथवा उनका पूर्ण विनाश होता जा रहा है | इस प्रकार मानव सस्कृति एव सभ्यता की विविधता एव विलक्षणता जो घरातल पर मानव की सबसे बडी उपलब्धि एव वैभव है भी नष्ट होती जा रही है। यहाँ तक कि आधुनिक विज्ञान तकनीकी एव उधोग आधारित विकास के. कारण धघरातलीय पारिस्थितिकी तत्र भी नकारात्मक ढंग से प्रभावित हो रहा है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण पर्यावरण आपदा पर्यावरण अवनयन ग्लोबल वार्मिग आदि जैसी समस्याये उत्पन्न हो गयी है तथा सम्पूर्ण सास्कृतिक विविधता एव मानव अस्तित्व भयानक खतरे मे पड गया है | सभी प्रकार की मानव समस्याओ के समाधान हेतु विज्ञान एव तकनीकी को रामबॉण मानने वाले विद्वान भी तेजी से बढते हुए विकास समस्याओ जैसे गरीबी भुखमरी बेरोजगारी अशिक्षा बिमारी आदि पारिस्थितिक असतुलन जातीय एवं राजनैतिक तनाव एव झगडों के कारण समाजिक आथधिक विकास के वर्तमान शैली से
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