सांख्यिकी के सिद्धान्त और अनुप्रयोग | Sankhyiki Ke Siddhant Aur Anupryog

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Sankhyiki Ke Siddhant Aur Anupryog by बी. एल. अग्रवाल - B. L. Agrwal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ब्रारम्दास्ता पर उसका निरूपण 5 26, 36, 36, 29, 34, 23 25, 29, 34, 26, 30, 24, 25, 34, 28, 23, 32, 31, २2, 22 इस व्यास को बारम्वारता बटन के रूप में लिखने के लिए गणना चिह्ठा (१०४ 10105) वो प्रत्येक भार के सामते लगा कर बारप्वास्ता ज्ञात वी जा सकती है प्नौर निम्न सारणी के प्रनुसार बारम्बारता बटन तिखा जा रक्ता दै -- পাশাপাশি শা পিপি भार (2) গলা ছি दारप्यारता पं बार० किएप्राम 0) (ष) 20 1 1 ॥ । ८ 2 (प) 23 प्रा 3 5 (2+3) রি 1 6 (41) 25 হা 3 9 (७3) 26 गा 4 13 (७4) 27 ण 2 15 ৫342) 48 ग्धा 5 20 (154-5) 29 पा 3 ८3 (2043) 30 धा 5 28 (2342) 31 णा 6 34 (2846) 32 ग 5 39 (34+5) 34 চার 5 44 2945 35 ५ 1 45 (44171) 36 যা 2 47 (45+-2) 37 1 1 48 (47+1) 38 ४ 2 50 (482) योगं 50 শা শিকারী শী ्र्म-पीरम्ब्ारता फा उपयोग प्राय যাচ্বোরো-নে ঈ प्र्ेक मान को पतग प्रलग सनम हन मानोकीौ मस्या प्रत्यपिष हो जाती है। प्रत इस॑ बेंटन को सक्षिप्त रुप में रसने का उपाय यह है कि , इन मानो को धर्शीक्रदु “का दिया अये भौर प्रत्येक बं पे सम्मिलित मानों वी




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