एकांत संगीत बच्चन | Ekant Sangeet Bacchan

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Book Image : एकांत संगीत बच्चन  - Ekant Sangeet Bacchan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एकत संगीत के गीतः पृष्ट संख्या ११--मध्य निशा में पंछी बोला ३३ १२--जा कहाँ रहा हे विहग भाग ! .. धः ३४ १३- जा रही है यदह लदर भी पी ३५ १४-प्रेयि, याद है वहगीत१ ... ... ३६ १५--कोई नहीं, कोई नहीं कद. 28४ ३७ १६-- किस लिए. अंतर भयंकर ! ... ५०. ३८ १७-- श्रव तो दुख के दिवस हमारे ... ~ ३९ श्द-र्मेने गाकर दुख श्रपनाए ध वि ४० १९--चढ़ न पाया सीढ़ियों पर ১০, ১০, ४१ २० क्यादंडकेमैँयोग्यथा१ *... ০, ४२ ' २१--में जीवन में कुछु कर न सका ... र ४३ २२- कु भी नहीं, कुछ भी नहीं ... ५ ४४ २३--जैसा गाना था, गा न सका... > থু २४--गिनती के गीत सुना पाया ৪ भ ४६ २५०--किसके लिए ? किसके लिए १ ... ... ४७ २६- बीता इकतीस बरस जीवन .., ३९ ४८ १४ |




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