आदाब अर्ज़ | Aadab Arz
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
145
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आंदाब अजे १२
उन बूढ़े सजन ने फिर पृछा--अापका इसा शरीफ -न
काली बाबू ब्रोले--नेद, हम “शरीफ ( शहरों का चीफ शपफ
र->फोजदार ) नई हाय, ओझोर ना कभी इस काम का वास्ते दोरों:
खास्तो-फोरोलास्तो किया ।
वे सजन मुस््कराते हुए बीले--खैर, अब हम सब समझ गये |
कष्ट के लिये क्षमा कीजिएगा । हम झापसे मिलकर बहुत खुश हुए |
इस समय तो आप अपने घर पधारिए । फिर जैसा होगा आपको सूचित
किया जाएगा | नमस्कार
काली बाबू अपने घर, कलकत्त लौट आए। अब गरहस केः
' सूचना आने भर की देर है। यह बिलकुल कर्स-करसांये तैयार बैठे
इसी बीच' काज्ली बाबू ने यह बुद्धिमानी की, कि अपनी एक्क सुम्दर |
तस्वीर उतरबा कर लखनऊ कालेज कै धिन्सपल के पाश्च पलना दिया |
दो-चार किस्मके. नयेन्न शह मिलाया लिये) बस, शझब खबरें
` श्राव, तत्र खचर श्राव | वान दीक इन्सगाः द 4...
मगर कम्बख्त खबर स्य शा तट
0.11
User Reviews
No Reviews | Add Yours...